Google Map की तकनीक को इस व्यक्ति ने दिया ऐसा जवाब, बचाव में उतरा Google

अगर हमें किसी नए जगह जाना हो या किसी जगह जल्दी पहुंचना हो तो हमारे दिमाग में सबसे पहले गूगल मैप ही आता है. आज के समय में गूगल मैप की मदद से कहीं पहुंचना काफी आसान से हो गया है लेकिन क्या आपको पता है कि गूगल मैप को ही जर्मनी के एक व्यक्ति ने पूरी तरह से गलत साबित कर दिया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 4, 2020, 04:42 PM IST
    • Google Map अभी भी चलती कार-बाईकों और ट्रॉली में मोबाइलों को घूमाने जैसे चीजों में फर्क नहीं कर पा रही
    • सिमोन वेकर्ट ने गूगल मैप की सेवा पर ही सवालिया निशान लगा दिया
Google Map की तकनीक को इस व्यक्ति ने दिया ऐसा जवाब, बचाव में उतरा Google

नई दिल्ली: जर्मनी के रहने वाले एक व्यक्ति ने गूगल मैप के साथ ऐसा काम किया कि खुद गूगल मैप के होश उड़ गए. इतना ही नहीं इस व्यक्ति ने ऐसा सबूत पेश किया कि गूगल मैप द्वार दी जाने वाली जानकारियों की भी धज्जियां उड़ गई.

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कुछ इस तरह बना दिया गूगल मैप को उल्लू
जर्मनी के बर्लिन में रहने वाले सिमोन वेकर्ट ने गूगल मैप की सेवा पर ही सवालिया निशान लगा दिया है. सिमोन ने ऐप का मजाक उड़ाने का एक नायाब तरीका निकाला. उन्होने एक बड़े से ट्रॉली में 99 स्मार्टफोन रखे और उन सभी में गूगल मैप ऑन कर दिया. इसके बाद वे एक सड़क पर धीरे-धीरे चलने लगे. गूगल मैप ने इन 99 स्मार्टफोन्स के लोकेशन को ट्रैक करते हुए पूरी सड़क पर भारी जाम घोषित कर दिया. गूगल मैप में रेट मार्क देखते हुए ज्यादातर बर्लिन नागरिक उस सड़क की ओर निकले ही नहीं. दिलचस्प बात ये है कि उस सड़क पर एक भी कार नहीं चल रही थी.

गूगल ने तकनीकी कमी को किया स्वीकार
दरअसल गूगल मैप आपको विभिन्न मोबाइल फोन्स के लोकेशन और एग्रेगेटर डाटा को इकट्ठा करके ट्रैफिक का हाल मुहैया कराता है. अगर बहुत सारे मोबाइल फोन किसी सड़क पर धीरे-धीरे मूव करने लगते हैं तो गूगल तुरंत इसके डाटा के आधार पर ट्रैफिक का हाल यूजर्स के साथ साझा करने लगता है. गूगल ने इस मजाक के जवाब में कहा कि कंपनी अभी भी चलती कार-बाईकों और ट्रॉली में मोबाइलों को घूमाने जैसे चीजों में फर्क नहीं कर पाती है. इस पर काम जारी है. 

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सिमोन ने टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से स्वीकार करने पर उठाए सवाल
सिमोन वेकर्ट का कहना है कि हम अभी भी टेक्नोलॉजी और सोसाइटी के बीच के संबंध को समझने में भूल कर रहे हैं. ये बड़ी हैरानी का बात है कि कैसे कोई टेक्नोलॉजी समाज को बदल रहा है. मैं मानता हूं कि अभी भी नए टेक्नोलॉजी हमें ठीक से समझ नहीं पाए हैं.

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