ADR की रिपोर्ट ने खोली नवनिर्वाचित विधायकों की पोल, 176 विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामले
महाराष्ट्र और हरियाणा में एक ओर जहां चुनाव परिणाम के बाद राजनीतिक दल सरकार बनाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर ADR (Association of democratic reforms) की रिपोर्ट ने नवनिर्वाचित विधायकों की पोल खोल दी है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के बीच सरकार बनाने के मसौदे पर अभी कुछ साफ तस्वीर का आना बाकी ही था कि एडीआर की विधायकों के हलफनामें पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आ धमकी. उस रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में नवनिर्वाचित 285 विधायकों में से 176 पर आपराधिक मामलों में अभियुक्त होने के प्रमाण मिले हैं. यानी कि प्रदेश में चुने गए 62 प्रतिशत विधायक किसी न किसी आपराधिक मामलें में फिलहाल लंबित हैं.
113 विधायकों पर लंबित हैं संगीन आपराधिक मामले
एडीआर की रिपोर्ट में तकरीबन 40 फीसदी यानी कि 113 विधायकों पर आपराधिक मामले काफी संगीन हैं. बाकि बचे तीन विधायकों के बारे में कुछ खास पता नहीं लगाया जा सका. एडीआर की जानकारी के मुताबिक उन तीन विधायकों के संबंध में चुनाव आयोग की आधिकारिक साइट पर कोई कागजी प्रमाण नहीं मिले हैं. हालांकि, यह इतना चौंकाने वाला भी नहीं. क्योंकि महाराष्ट्र में पिछली बार भी 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद 165 विधायकों को आपराधिक मामलों में संलग्न पाया गया था. इस बार 11 और विधायक उस कड़ी में शामिल हो गए हैं.
औसत संपत्ति दो गुणा तक बढी
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस के हवाले से मिली जानकारी में कुल 264 विधायकों को करोड़पति पाया गया है. देखा जाए तो प्रतिशत के हिसाब से यह तकरीबन 93 फीसदी है. जबकि पिछली सरकार में यह 88 फीसदी यानी 253 विधायक करोड़पति ही थे. दिलचस्प बात यह है कि नई विधानसभा में विधायकों की औसत संपत्ति को 22.44 करोड़ रूपए पाया गया है. यह पिछले विधानसभा से दो गुणा अधिक है. 2014 में विधायकों की औसत संपत्ति 10.87 करोड़ ही थी. इस बार के चुनाव में महाराष्ट्र से 118 पुराने विधायक चुने गए हैं, जो 2014 विधानसभा परिणाम के बाद विजेता रहे थे.
हरियाणा में 94 फीसदी विधायक करोड़पति
कमोबेश यहीं हाल हरियाणा का भी है, जहां नवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 84 विधायक करोड़पति हैं यानी कि 94 फीसदी विधायकों के पास करोड़ों की संपत्ति है. हालांकि, 2014 के मुकाबले इसमें मात्र 10 फीसदी का ही इजाफा हुआ है. हरियाणा के नए किंगमेकर जजपा यहां भी पीछे नहीं है. पार्टी के सभी 10 चुने गए विधायक करोड़पति हैं. जिनकी औसत संपत्ति 25.25 करोड़ तक है. जबकि पूरे हरियाणा में नए चुने गए प्रतिनिधियों की औसत संपत्ति 18.3 करोड़ रूपए तक है. भाजपा के 40 में से 37 तो कांग्रेस के 31 में से 29 विधायक करोड़पतियों की सूचि में विराजमान हैं
धनबल और बाहुबल से मिलती है जीत
हरियाणा में हालांकि आपराधिक छवि रखने वाले विधायकों की सूचि बहुत लंबी नहीं है. 90 नवनिर्वाचित विधायकों में से 12 विधायकों पर आपराधिक मामले लंबित हैं जो पिछली सरकार में 9 पर थी. कहते हैं कि चुनाव में आपराधिक छवि वाले नेताओं की जीत लोकतंत्र के लिहाज से सही नहीं होती. लेकिन यहां पर कहानी ही कुछ दूसरी है. सत्ता की गद्दी तक पहुंचने के लिए बाहुबल और धनबल दोनों का प्रयोग कितना किया जाता है, यह किसी से छुपा नहीं है. मैक्यावेली के सिद्धांतों की मानें तो शक्ति को धारण करने के लिए चालाक और धूर्त होना दोनों ही जरूरी है. यह बात यहां पूरी तरह चरितार्थ होते दिख रही है.