जयपुर: राजस्थान के जयपुर में बसपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर रामजी गौतम और बसपा के प्रदेश प्रभारी सीताराम मेघवाल को कालिख से पोतकर जबरन गधों पर बिठाकर परेड मार्च करा दिया. पार्टी कार्यकर्ताओं का गुस्सा इतना था कि जब दोनों ही नेता उतरने की कोशिश करते तो लोग दोबारा उन्हें गोद में उठाकर जबरदस्ती बिठाने लगे. गधे पर बिठाने के बाद भी उग्र कार्यकर्ताओं का जब मन नहीं भरा तो उन्होंने रामजी गौतम और सीताराम मेघवाल को जूतों की माला पहना डाली और हाय-हाय करते उन्हें शहर के चौराहे पर घुमाने लगे.
#WATCH Rajasthan: BSP workers blackened faces of party's national coordinator Ramji Gautam&former BSP state incharge Sitaram¶ded them on donkeys,in Jaipur today.The workers also garlanded them with shoes&alleged that these leaders were indulging in anti-party activities pic.twitter.com/Vjvn1kur2w
— ANI (@ANI) October 22, 2019
मायावती का फूटा गुस्सा, कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार
इस घटना के बाद एक अलग ही बयार देखने को मिला जब बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस पर उखड़ बैठीं. उन्होंने ट्वीट किया कि कांग्रेस राजस्थान में बसपा विधायकों को तोड़ सरकार बचाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस अंबेडकरवादी मूवमेंट को खत्म करने के लिए बसपा के नेताओं पर हमले भी कराने लग गई है. पार्टी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर रामजी गौतम और प्रदेश प्रभारी सीताराम का मुंह काला कर गधे पर बिठाने के मामले पर उन्होंने घटना को शर्मनाक बताया और इसका ठीकरा भी कांग्रेस के सिर ही फोड़ा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ये बेहद गलत परंपरा की इजाद करने की कोशिश कर रही है.
बैठक को पहुंचे तो गधे पर बिठाया
रामजी गौतम पिछले ही दिनों लखनऊ से जयपुर जिलाध्यक्षों की बैठक के लिए पहुंचे थे. उनके साथ सीताराम मेघवाल भी थे और इसमें स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सकारात्मक पहल की चर्चा होने वाली थी. लेकिन इससे पहले ही पूर्व बसपा नेताओं पर कार्यकर्ताओं का कहर टूट पड़ा. कार्यालय के बाहर गधा और जूते-चप्पल लेकर स्वागत को तैयार बैठे कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती का स्वागत कर डाला. कार्यकर्ताओं की उग्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब कांग्रेस के पार्टी कार्यकर्ता बचाने को बाहर आए तो उन्हें भी उल्टे पांव वापस भगा दिया.
बसपा छोड़ कांग्रेस में हो गए थे शामिल
दरअसल, ये पूरा गुस्सा इसलिए था कि पिछले दिनों बसपा के 6 विधायक पार्टी छोड़ कांग्रेस की छत्रछाया में आ गए. इससे राजस्थान में पार्टी की रही-सही अस्तित्व की कमर टूट गई जिसको लेकर कार्यकर्ताओं के अंदर रोष था. हालांकि, इससे पहले रामजी गौतम और सीताराम मेघवाल के साथ मारपीट भी की गई थी लेकिन शायद कार्यकर्ताओं के गुस्से को शांत करने के लिए वह काफी नहीं था. खैर, राजस्थान में कांग्रेस-बसपा की यह टक्कर कौन सा नया रंग दिखाती है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.