नई दिल्ली: भूषण पॉवर एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर दिल्ली के सीबीआई कोर्ट के निर्देशानुसार प्रवर्तन निदेशालय ने एक नया फैसला लिया. दिवालिएपन के बाद कंपनी की एक-एक कर सभी प्रॉपर्टीज को सीज किया जा रहा है. शनिवार को निदेशालय ने भूषण स्टील की संबलपुर स्थित फैक्टरी पर बंदी लगा उसे भी निलामी के लिए अटैच कर लिया. दरअसल, ईडी ने कंपनी द्वारा जाली कागजात के आधार पर कंपनी द्वारा लिए गए 5500 करोड़ के लोन के मामले पर ये कंपनी की संपत्ति को सीज कर लिया. हालांकि, जब्त की गई संपत्ति की पूरी कीमत 4025 करोड़ ही बताई जा रही है.
वर्तमान
कंपनी पर 48000 करोड़ है बैंकों का कर्ज
भूषण कंपनी के प्रोमोटर संजय सिंघल व उनके अन्य साझेदारों के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक और इलाहाबाद बैंक से फर्जी कागजातों के साथ 5500 करोड़ का कर्ज लेने के आरोप में मनी लॉड्रिंग के कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है. मनी लॉड्रिंग कानून के अलावा जालसाजी आपराधिक साजिश भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत भी दोनों पर मामले दर्ज कराए गए. मालूम हो कि कंपनी पर फिलहाल 48000 करोड़ का बैंक कर्ज है, जिसकी भरपाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने कंपनी की संपत्ति को जब्त कर उसे निलाम करने का फैसला लिया. इस फैसले के बाद स्टील जगत की दो बड़ी कंपनियां संपत्ति की बोली में आपस में ही उलझ पड़ीं. टाटा स्टील और जिंदल ग्रुप्स के इस निलामी प्रतियोगिता में जेएसडब्ल्यू को बढ़त मिली, जिसने 19,500 करोड़ की बोली लगा कर कंपनी की अधिकत्तर संपत्ति को अपने पाले में किया.
भूत
इन घटनाओं के बाद बदली कंपनी की ग्रह दशा
कंपनी की ग्रह-दशा 2004 से ही शुरू हो गई जब 30 सितंबर को भूषण स्टील्स की गाजियाबाद वाली कंपनी में विस्फोट हुआ. इस विस्फोट में 10 कामगरों की मौत हो गई और कंपनी को साढ़े-साती ने घेर लिया. इस घटना के बाद कंपनी के भाव
गिरने लगे. उसी साल 42 विदेशी जो कंपनी में इंजिनियर्स थे, उद्योग में बेहतर माहौल न हो पाने के एवज में कंपनी छोड़ कर चले गए.
कंपनी तब तक स्टील के क्षेत्र में कुछ अग्रणी कंपनियों में से एक थी जो कच्चे माल को उपयोग में लाए जाने वाले जरूरी औजारों में तब्दाील करती थी, जैसे कि गर्म और ठंडे कॉइल, गैल्वानाइज्ड कॉइल और अन्य. तब तक कंपनी के उड़ीसा, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में फैक्टरियां खुल चुकीं थीं.
13 नवंबर 2014 को उड़ीसा के ढ़ेनकेनल जिले के मेरामुण्डली स्थित फैक्टरी में फिर से धमाका हुआ जिसमें 1 कामगर की मौत हो गई और 19 अन्य बुरी तरह जख्मी हो गए थे. उसके अगले ही दिन राज्य उद्योग निदेशालय ने फैक्टरी को सील करने का आदेश जारी कर दिया.
भविष्य
पूरी तरीके से दिवालिया हो चुकी भूषण स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति फिलहाल जिंदल की JSW के हवाले होने वाली है. 48000 करोड़ के कर्ज तले कंपनी के ऊपर भ्रष्टाचार कानून के अलावा मनी लॉड्रिंग और अन्य कई फैक्टरी कानूनों के तहत दशहन मामले दर्ज हैं. फिलहाल ईडी और सीबीआई कंपनी की संपत्ति को सीज कर कर्ज चुकता करने की कोशिश कर रही है.