क्रिकेट का वो किस्सा, जिसके लिए पीएम मोदी ने कुंबले का सबक सुनाया

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान भी रह चुके अनिल कुंबले टीम इंडिया के कोच रह चुके हैं. उनका करियर इतना शानदार रहा है कि अब भी वह खिलाड़ियों और खेल को तो याद आते ही है, राजनेताओं को भी उनकी जांबाजी भूली नहीं है. परीक्षा पर चर्चा के दौरान यही नजारा देखने को मिला. अनिल कुंबले ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका नाम लेने पर धन्यवाद दिया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 23, 2020, 03:52 AM IST
    • 2002 के मैच में टूट गया था अनिल कुंबले का जबड़ा
    • इसके बाद भी खेलते रहे थे कुंबले, लिए थे अहम विकेट
क्रिकेट का वो किस्सा, जिसके लिए पीएम मोदी ने कुंबले का सबक सुनाया

नई दिल्लीः अनिल कुंबले इस वक्त बेहद खुश हैं और गर्व का अनुभव कर रहे है. वजह है पीएम सर की क्लास. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मे परीक्षा पर चर्चा के दौरान बच्चों से बात की थी और उन्हें पूर्व भारतीय गेंदबाज के साहस और जिंदादिली के बारे में बताया था. अनिल कुंबले ने इसके लिए ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा है. पीएम मोदी बच्चों को कठिन परिस्थितियों से निकलने के विषय में बता रहे थे. 

कुंबले ने ट्वीट कर कहा-धन्यवाद
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान भी रह चुके अनिल कुंबले टीम इंडिया के कोच रह चुके हैं. उनका करियर इतना शानदार रहा है कि अब भी वह खिलाड़ियों और खेल को तो याद आते ही है, राजनेताओं को भी उनकी जांबाजी भूली नहीं है. परीक्षा पर चर्चा के दौरान यही नजारा देखने को मिला. अनिल कुंबले ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका नाम लेने पर धन्यवाद दिया है. प्रधानमंत्री ने परीक्षा पर चर्चा के दौरान कुंबले का उदाहरण दिया था.

मोदी ने कुंबले के उस मैच का जिक्र किया था जिसमें वो जबड़े में चोट के बाद भी गेंदबाजी करने उतरे थे. कुंबले ने ट्वीट कर लिखा, परीक्षा पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा मेरा नाम लिए जाने से सम्मानित महसूस कर रहा हूं. धन्यवाद प्रधानमंत्रीजी. जो लोग परीक्षा देने जा रहे हैं उनको शुभकामनाएं.

यह कहा था पीएम मोदी ने
पीएम मोदी ने अपने वक्तव्य में कुंबले के अलावा वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ का भी जिक्र किया था. प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी टीम मुश्किल दौर से गुजर रही थी. मूड अच्छा नहीं था, लेकिन उन पलों में क्या हम राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण को भूल गए थे? उन्होंने मैच बदल दिया था. उन्होंने कहा, इसी तरह अनिल कुंबले ने चोट के बाद भी गेंदबाजी की थी. इस बात को कौन भूल सकता है. यह प्रेरणा  र सकारात्मकता की ताकत होती है.

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इस मैच का किया था जिक्र
पीएम मोदी ने जिस मैच का जिक्र किया था, वह साल 2002 में खेला गया था. भारत और वेस्ट इंडीज के बीच एंटीगुआ में टेस्ट सिरीज चल रही थी. चौथे टेस्ट में अनिल कुंबले सातवें नंबर पर बैटिंग करने आए थे. उनके साथ अजय रात्रा आठवें नंबर पर खेल रहे थे. बॉलर थे मर्व डिल्लन. उन्होंने कुछ ओवर के बाद एक गेंद फेंकी जो टप्पा खाते ही सीधे उछाल ले गई और जंबो कहे जाने वाले इस लंबे खिलाड़ी के जबड़े पर करारी चोट दे बैठी.

कुंबले को गहरी चोट आई, इतनी की मुंह से खून उलट बैठे. लेकिन हिम्मत देखिए, कि फिजियो ने वापस जाने को कहा तो इनकार कर दिया. सूजे मुंह और टूटे जबड़े के साथ बैटिंग करते रहे. 

...लेकिन अभी क्रिकेट को अपनी सबसे प्रेरक तस्वीर मिलनी थी
इनिंग ब्रेक के बाद वेस्ट इंडीज बैटिंग करने उतरी. टीम इंडिया के खिलाड़ी भी लाइन से मैदान पर आ रहे थे. दूर से देखते हुए इस कतार में सबसे पीछे धुंधलापन लिए हुए कुछ सफेदी सी दिख रही थी. जैसे-जैसे आंखे उसे पहचानती गईं, पुतलियां आश्चर्य से और चौड़ी होती गईं. वह कुंबले थे. जबड़े से लेकर सिर में पट्टी बांधे हुए. खेल की बहादुरी किसी युद्ध से कम नहीं होती और कुंबले इस काल्पनिक बात को सच साबित कर रहे थे.

कुंबले ने लगातार 14 ओवर फेंके. ब्रायन लारा को आउट किया. मैच ड्रा हुआ. वेस्ट इंडीज ने 629 पर 9 पर डिक्लेयर किया. बेंगलुरू जाते वक्त कुंबले ने कहा, कम से कम मैं ये सोच कर जाऊंगा कि मैंने अपना बेस्ट दिया. और यह तस्वीर क्रिकेट की एक यादगार तस्वीर बन गई. 

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