देश के परमाणु ठिकाने पर घातक हमला, सुरक्षा भेद नहीं पाए हैकर

लगभग एक महीने पहले देश के लिए बेहद अहम परमाणु बिजली घर कुडनकुलम पर दुश्मनों ने घातक सायबर अटैक किया था. हालांकि संबंधित अधिकारियों ने पहले इस हमले को मानने से इनकार किया, लेकिन बाद में तथ्य सामने आने पर इसे स्वीकार करना पड़ा. लेकिन इस घटना के बाद से परमाणु संस्थानों की सायबर सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है. 

Last Updated : Oct 31, 2019, 10:37 AM IST
    • परमाणु बिजलीघर की सुरक्षा में सेंध की कोशिश
    • सायबर सिक्योरिटी को भेदने की कोशिश
    • नहीं सफल हुआ हैकरों का हमला
देश के परमाणु ठिकाने पर घातक हमला, सुरक्षा भेद नहीं पाए हैकर

चेन्नई: दक्षिण के कुडनकुलम परमाणु बिजली घर की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई है. दुश्मन ने यह कोशिश 4 नवंबर को की थी. जिसके बा कंप्यूटर इमरजेन्सी रिस्पांस टीम को इसकी जानकारी दी गई. हालांकि पहले न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया था. लेकिन बाद में सचाई सामने आने के बाद उन्होंने इसे स्वीकार किया. 

रिएक्टर पूरी तरह सुरक्षित
दुश्मनों ने कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र के कंट्रोल सिस्टम में लगे कंप्यूटरों पर वायरस से हमला किया था. दुश्मन की यह साजिश सफल हो जाती तो वह परमाणु संयंत्र के कंट्रोल सिस्टम में घुसने में सफल हो जाते. जिसके बाद भारी तबाही मचने की आशंका थी. कंट्रोल सिस्टम में सेंध लगना बेहद खतरनाक साबित हो सकता था. 

मामले की हुई पूरी जांच 
4 सितंबर को मामला सामने आने के बाद इसकी गहन जांच की गई थी. जिसके बाद पता चला कि यहां काम कर रहे एक शख्स के सिस्टम में वायरस था जो कि यहां के इंटरनेट नेटवर्क से जुड़ा हुआ था. अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह वायरस प्रभावित सिस्टम संस्थान के अहम आंतरिक नेटवर्क से अलग था. लेकिन इसके जरिए नेटवर्क पर लगातार नजर रखी जा रही थी. हालांकि इससे प्लांट का कोई भी सिस्टम प्रभावित नहीं हुआ था. 

कुडनकुलम की सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य
कुडनकुलम परमाणु बिजलीघर की सायबर सुरक्षा को भेदना आसान नहीं है. यहां के प्रशिक्षण अधीक्षण और सूचना अधिकारी आर रामदॉस के मताबिक इस परमाणु संयंत्र का कंट्रोल सिस्टम किसी दूसरे हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर से जुड़ा नहीं रहता है. यह स्वतंत्र रुप से काम करता है. जिसके कारण इसमें सेंध नहीं लगाई जा सकती है. 

बाहर के लोगों ने दी जानकारी
कुडनकुलम प्लांट पर सायबर हमले के बारे में एक बाहर की मल्टीनेशनल कंपनी को सितंबर में जानकारी मिली थी. जिसकी सूचना नेशनल साइबर सिक्योरिटी काउंसिल को दी गई थी. जिसके बाद सायबर ऑडिट टीम बनाई गई. जिसने इस हमले के बारे में विस्तार से जांच की. 

परमाणु बिजलीघरों पर सायबर हमला गंभीर साजिश
परमाणु बिजलीघर की सुरक्षा पर सायबर हमला एक बेहद गंभीर मामला है. इस मामले में अगर दुश्मन कंट्रोल रुम तक पहुंचने में कामयाब हो जाता तो जान और माल के भारी नुकसान की आशंका खड़ी हो सकती थी. दुश्मन देश के सायबर एक्सपर्ट अक्सर परमाणु संयंत्रों की सायबर सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश करते हैं. हाल ही में ईरान में न्यूक्लियर रिएक्टर में सायबर हमला किया गया था. 

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