संकट में मंदिर में मिली शरण, क्वारंटाइन सेंटर बने तिरुमला-तिरुपति मंदिर के परिसर

आंध्र प्रदेश के दुनिया भर में मशहूर कुछ मंदिरों ने अपनी इमारतों को क्वारंटीन सेंटर बनाने के लिए दे दिया है. तिरुमला- तिरुपति, श्रीकलाअष्टी, कानिपकम मंदिरों के बोर्ड ने अपने स्वामित्व वाली कुछ इमारतों को कोरोना से संक्रमित मरीजों के क्वारंटाइन के लिए मुहैया कराई हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 28, 2020, 04:08 PM IST
    • तिरूमला-तिरूपति प्रतिष्ठान के जन संपर्क अधिकारी रवि ने मीडिया को बताया कि इस अभियान में मंदिर प्रतिष्ठान के 500 कर्मचारी जुटे हुए हैं
    • राजस्व और भक्तों के हिसाब से तिरुमला- तिरुपति देवस्थान को दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है.
संकट में मंदिर में मिली शरण, क्वारंटाइन सेंटर बने तिरुमला-तिरुपति मंदिर के परिसर

नई दिल्लीः देश में कोरोना संकट फैला हुआ है. ऐसे में इस संकट से लड़ने के साथ-साथ बचाव की तैयारियां की जा रही हैं. साथ ही हर स्तर पर लड़ाई जारी है. ऐसे में सबसे बड़ी समस्या क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए जगह की है. लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए लोगों को क्वारंटाइन करना पड़ रहा है. ऐसे में मंदिर, स्कूल अपने परिसर की जगह दे रहे हैं. लगातार कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आंध्र प्रदेश के स्कूल और मंदिर को क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए दे दिया गया है.

सभी धर्मों के लोग किए गए क्वारंटाइन
आंध्र प्रदेश के दुनिया भर में मशहूर कुछ मंदिरों ने अपनी इमारतों को क्वारंटीन सेंटर बनाने के लिए दे दिया है. तिरुमला- तिरुपति, श्रीकलाअष्टी, कानिपकम मंदिरों के बोर्ड ने अपने स्वामित्व वाली कुछ इमारतों को कोरोना से संक्रमित मरीजों के क्वारंटाइन के लिए मुहैया कराई हैं. इन मंदिरों की इमारतों में हिंदुओं के साथ मुसलमान ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के नागरिकों को भी शरण मिली हुई है. जबकि कुछ लोगों को इन इमारतों में इलाज की सुविधा मिल रही है.

बेघर और प्रवासी मजदूरों को भी ठहराया गया
राजस्व और भक्तों के हिसाब से तिरुमला- तिरुपति देवस्थान को दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है. इस मंदिर के पास कई गेस्टहाउस और ठहरने की व्यवस्था वाले लॉज उपलब्ध हैं. इनमें श्रीनिवासम लॉज और माधवम लॉज सबसे प्रमुख हैं. तिरूपति बालाजी के दर्शन के लिए आने वाले हजारों भक्त इन्हीं लॉजों में ठहरते हैं. ये लॉज भक्तों से हमेशा भरे रहते हैं. कोरोना संकट के समय में यहां बेघर और प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है. इनमें विभिन्न क्षेत्रों के, विभिन्न धर्मों और विभिन्न जातियों के लोग शामिल हैं.

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भोजन-पानी का भी किया इंतजाम
तिरूमला-तिरूपति देवस्थानम जरूरतमंद लोगों को खाना भी उपलब्ध करा रहा है. महामारी वाले संकट के दौर में मंदिर प्रतिष्ठान प्रतिदिन एक लाख चालीस हजार फूड पैकेट्स हर रोज मुहैया करा रहा है.प्रतिष्ठान के जन संपर्क अधिकारी रवि ने मीडिया को बताया कि इस अभियान में मंदिर प्रतिष्ठान के 500 कर्मचारी जुटे हुए हैं. तिरूमला-तिरूपति देवस्थानम खुद से प्रतिदिन एक लाख चालीस हजार फूड पैकेट्स वितरित कर रहा है.

 

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