नई दिल्ली: भारत में रोबोट के इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. देश के हर हिस्से में रोबोटिक मशीनें अलग अलग जिम्मेदारियां संभाल रही हैं. आईए आपको बताते हैं कि भारत में कहां पर रोबोट से किस तरह के काम लिए जा रहे हैं.
भुवनेश्वर में खाना परोसने वाला रोबोट
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में दो रोबोट्स खाना परोसते हुए दिखाई दे रहे हैं. खास बात यह है कि इन दोनों का निर्माण भारत में ही किया गया है और ये स्थानीय उड़िया समेत कई भाषाएं बोल सकते हैं. इनका नाम चंपा और चमेली रखा गया है. इसके पहले चेन्नई, कोयंबटूर और बेंगलुरु में भी रोबोट्स से वेटर का काम लिया जा रहा है. बेंगलुरु में 100 फीट की गली में स्थित रेस्त्रां में तो रोबोट एक साथ 50 लोगों को खाना परोसने की क्षमता रखते हैं.
#WATCH: Robo Chef, a first of its kind restaurant in Bhubaneswar, has robots to serve food to the customers. The restaurant currently has two robots. #Odisha pic.twitter.com/OHfdjDlybM
— ANI (@ANI) October 16, 2019
हैदराबाद के रोबो किचन में भी रोबोट खाना परोसते हैं.
#WATCH: Robo Kitchen, a first of its kind restaurant in Hyderabad, has robots to serve food to the customers. They have been named 'Beauty Serving Robot'. The restaurant currently has 4 robots and they need to be charged for 3 hours to last a day. pic.twitter.com/ua2lVuuOfX
— ANI (@ANI) February 9, 2019
जंग के मैदान में भी रोबोट
खाना परोसने के अलावा रोबोट्स को जंग के मैदान में उतारने की भी तैयारी की जा रही है. सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा है कि 'हम भविष्य की लड़ाई में काम आने वाले सिस्टम की तरफ देख रहे हैं. हम ऐसे सिस्टम के विकास पर नजरें जमाए हैं जिससे भविष्य की जंग जीती जा सके. हमें जिन तकनीक के और विकास पर ध्यान देना होगा. वो सायबर, स्पेस, लेजर, इलेक्ट्रॉनिक हथियार और आखिर में रोबोटिक हथियारों से लैस होने पर फोकस करने का होगा. जिसके जरिए भविष्य की लड़ाई लड़ी जानी है.'
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दरअसल भारत भविष्य की जंग की तैयारी कर रहा है. जिसमें दो देशों के सैनिकों के बीच सीधी जंग नहीं होगी. कोई देश बिना दूसरे देश की सीमा पार किए, उस पर हमला कर सकेगा. ऐसे हालत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बड़ी भूमिका होगी. बताया जा रहा है कि ये एक प्रकार के रोबोट होंगे. जिसे इंसान कंट्रोल करेंगे. आज के वक्त में यूएवी यानी मानवरहित ड्रोन विमान इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं.
नोट गिनने वाले रोबोट
रोबोट्स का उपयोग मात्र लड़ाई या फिर खाना परोसने तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के कई शहरों में रोबोट नोट गिनने जैसा बारीक काम भी कर रहे हैं. जिसमें गड़बड़ी की एक प्रतिशत भी गुंजाइश नहीं होती. प्राईवेट सेक्टर के बड़े बैंक आईसीआईसीआई अपनी शाखाओं में नोट गिनने वाले रोबोट्स का इस्तेमाल कर रहा है. मुंबई और सांगली, नई दिल्ली, कर्नाटक के बेंगलुरु और मंगलुरु, जयपुर, हैदराबाद, चंडीगढ़, भोपाल, रायपुर, सिलिगुड़ी और वाराणसी की आईसीआईसीआई शाखाओं में नोट गिनते हुए रोबोट्स देखे जा सकते हैं. इस बैंक ने ने देशभर में मौजूद अपने करेंसी चेस्ट्स में नोटों की गिनती के लिए रोबोट तैनात किए हैं. रोबोट से नोट गिनवाने के मामले में यह भारत का पहला बैंक है.
इस बैंक के पास नोट गिनने वाले 14 रोबोट हैं. इसमें से हर एक रोबोट रोज 60 लाख नोट गिन सकता है. यानी पूरे साल में एक रोबोट 1.8 अरब नोट छांट सकता है. नोट गिने वाले इन रोबोटों में कई तरह के सेंसर लगे हुए हैं, जिनके जरिए यह 70 से ज्यादा मानकों को कुछ ही सेकेंड में जांच करने में सक्षम हैं. यह लंबे समय तक लगातार और बिना गलती के भी काम कर सकते हैं.
डॉक्टर बनकर इलाज भी कर रहे हैं रोबोट
भारत में रोबोटिक सर्जरी का भी प्रचलन बढ़ गया है. 5 दिसंबर 2018 को गुजरात के एक अस्पताल में एक रोबोट ने हार्ट सर्जरी की. इस रोबोट को 32 किलोमीटर दूर बैठे डॉक्टर से निर्देश मिल रहे थे. यह जटिल ऑपरेशन पूरी तरह सफल साबित हुआ था.
हैदराबाद के एक नए अस्पताल में एक रोबोट, डॉक्टर के सहायक के रूप में काम कता है. रोबोट प्रोटोटाइप पर काम करता है. जिसमें वह अस्पताल में आने वालों का चेहरा स्कैन करता है. मरीज के साथ चर्चा और उनके सवालों का जवाब देता है. पेमेंट करने में भी मदद करता है.
अगले कुछ सालों में आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस के जरिए अस्पतालों में रोबोट्स हमारा इलाज करने के साथ साथ मेडिकल सेवाएं देने में बड़ा रोल अदा करेंगे.
ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी बने रोबोट
महाराष्ट्र में पुणे और थाणे के छात्रों ने ट्रैफिक संभालने वाला एक रोबोट बनाया है. जिसका नाम रोडिओ दिया गया है. इसका निर्माण एसपी रोबोटिक्स ने किया था. इसे ट्रायल बेस पर पुणे ट्रैफिक पुलिस को सौंपा गया है. इसे मोबाइल के जरिए ऑपरेट किया जाता है. इस रोबोट को छठी और सातवीं कक्षा के छात्रों ने बनाया है. पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं.
पीएम मोदी का मित्र रोबोट
रोबोटिक भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी दिलचस्पी है. 28 नवंबर 2017 को हैदराबाद में ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप बैठक में पीएम मोदी ने पूरी तरह स्वदेशी 'मित्र' रोबोट को लांच किया. उस समय उनके साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप भी थीं. इस रोबोट को बेंगलुरु की कंपनी इन्वेंटो रोबोटिक ने तैयार किया है। यह रोबोट कई भाषाएं समझता और बोलता है. इसे होटल में यह रिसेप्शन और रूम सर्विस के लिए तैनात किया जा सकता है. इसमें नेवीगेशन सिस्टम है, यह पूरे ऑफिस, स्टोर और मॉल में घूमकर लोगों को सिक्युरिटी और सुविधा मुहैया करा सकता है.
भारत में रोबोट्स के इस बढ़ते इस्तेमाल को देखकर लगता है कि जल्दी ही भारत देश पूरी तरह रोबोटिक बन जाएगा.