नई दिल्ली. ये ऋण भारत ने उस वैश्विक संगठन से लिया है जिसमें स्वयं भारत भी शामिल है और संगठन के बड़े नेता के तौर पर सम्मानित है. पांच देशों के इस संगठन ब्रिक्स में भारत के अतिरिक्त ब्राज़ील, रूस, चीन और साउथ अफ्रीका शामिल हैं. भारत ने बड़ा फैसला लेते हुए कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिये और देश पर कोरोना के दुष्परिणामों को कम से कमतर करने के लिये ब्रिक्स से डेढ़ अरब डॉलर का ये ऋण लिया है.
ऋण देने वाला ब्रिक्स देशों का न्यू डेवलपमेन्ट बैंक है
भारत को ऋण देने वाला यह ब्रिक्स देशों का अपना न्यू डेवलपमेंट बैंक है जिसने कोरोना के विरुद्ध युद्ध के लिये भारत को डेढ़ अरब डॉलर का ऋण दिया है. ये ऋण न्यू डेवलपमेन्ट बैंक ने भारत को आपातकालीन सहायता कर्ज राशि के तौर पर प्रदान किया है जिसका उपयोग भारत को कोरोना महामारी से जंग लड़ने में करना है.
भारत के चहुंमुखी नुकसान को कमतर करने का प्रयास
बहुत सोच-विचार के बाद भारत ने ऋण लेने के इस विकल्प को स्वीकार किया है. कारण ये है कि कोरोना से युद्ध में भारत ने बड़े औऱ सख्त कदम उठाये हैं औऱ भारत में अब लॉकडाउन चार का ऐलान भी कर दिया गया है. ऐसे में देश में राजकोषीय घाटा सातवें आसमान पर है. अतः देश के आर्थिक जनजीवन को जीवन प्रदान करने हेतु इतना बड़ा कदम उठाया गया है.
मानवीय, सामाजिक, आर्थिक घाटे को कम किया जायेगा
भारत द्वारा लिये गये इस ऋण के माध्यम से देश में कोरोना के कारण हुए मानवीय, सामाजिक और आर्थिक घाटे को कम किया जायेगा. अहम बात ये है कि न्यू डेवलपमेन्ट बैंक चीन की राजधानी शंघाई में स्थित है. इस बैंक की स्थापना आज से छः वर्ष पूर्व 2014 में ब्रिक्स देशों ने की थी और वर्तमान में इस बैंक का नेतृत्व सुप्रसिद्ध भारतीय बैंकर केवी कामथ के हाथों में है.
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