नई दिल्ली: भारतीय महिलाओं की सोने के प्रति दीवानगी जग जाहिर है. किसी भी पर्व त्योहार या शादी विवाह के मौके पर भारतीय महिलाएं आभूषण की खरीदारी करती जरुर दिख जाती है. यही वजह है कि विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) की मई, 2019 में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय घरों में 22000 टन सोना जमा होने की जानकारी दी गई है. इस खबर से यह तो पता चला कि किसी समय में भारत देश को सोने का देश कहा जाता था लेकिन आज भारतीय महिलाओं को सोने की महिलाएं कहीं जाए तो इसमें कोई दो राय नहीं है.
WGC के अनुसार भारत देश की भारतीय महिलाओं के पास दुनिया का सबसे बड़ा सोने का खजाना जमा है. भारतीय महिलाएं दुनिया के कुल सोने के शेयरों का 11 प्रतिशत आभूषण अपने शरीर पर पहनती हैं. इसमें से 22 हजार टन सोना भारतीय महिलाओं के पास आभूषणों के रुप में मौजूद है.
यह विश्व के पांच शीर्ष देशों के कुल सोने के भंडार से अधिक है जिसमें यूएसए (8,000 टन), जर्मनी (3,300 टन), इटली (2,450 टन), फ्रांस (2,400 टन) और रूस (1,900 टन) आते हैं. अकेले तमिलनाडु जैसे राज्यों में यह औसत 28 फीसदी तक पहुंच जाता है.
WGC ने बताया है कि इस वर्ष पारंपरिक शादी और अक्षय तृतीया मिलाकर सोने की खरीदारी पिछले साल की तुलना में ज्यादा की जाने की संभावना है. हर साल लगभग 750-760 टन सोने की खपत भारतीय बाजार में दर्ज की गई है. पिछले वर्ष 760 टन सोने की खपत दर्ज की गई और इस साल यह आंकड़ा 850 टन तक जाने की बात कहीं जा रही है.
इस बार भारतीय महिलाओं में सोने की मांग में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. महिलाओं के बाद भारतीय मंदिर में सबसे ज्यादा सोना पाया गया है. मंदिरों के पास लगभग 2,500 टन सोना है. अकेले केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर में 1,300 टन सोना और आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में 250-300 टन सोना दर्ज किया गया है.