गौ सेवा में सामने नहीं आए हाथ, MP सरकार ने शुरू की थी योजना

मध्य प्रदेश में जैसे ही कमलनाथ की सरकार आईं वैसे ही गौ सेवा योजना शुरू की गई थी. लेकिन एमपी के लोगों ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई और जो डेटा सामने आया है उससे यहीं लगता है कि गौ सेवा के नाम पर लोगों को कोई दिलचस्पी नहीं है. लेकिन गौ दान को लेकर भाजपा नेता ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 31, 2019, 02:22 PM IST
    • कमलनाथ सरकार की गौ सेवा योजना की बड़ी असफलता
    • बीजेपी नेता ने किया घेराव
गौ सेवा में सामने नहीं आए हाथ, MP सरकार ने शुरू की थी योजना

इंदौर: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही गौशाला खोलने के चुनावी वादों को प्राथमिकता देते हुए सबसे ऊपर रखा था. सरकार ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया था, प्रदेश के अंदर आवारा गौवंश और दुधारू गौवंश के प्रति समर्पण भाव जगाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार की गौ सेवा दान योजना एक लंबा समय बीतने के बाद भी उतनी प्रभावी नजर नहीं आ रही है जितनी होनी चाहिए थी.

नहीं जुटा पा रही हैं सरकार पर्याप्त राशि
प्रदेश में कमलनाथ सरकार एक हजार से अधिक गौशाला बना चुकी है. कमलनाथ सरकार ने लोगों को घर बैठे गौ सेवा करने का मौका दिया जिसके तहत गौ सेवा के लिए लोगों से घर बैठे दान करने के लिए योजना बनाई. गौ सेवा के लिए लोगों से दान देने की बात कहीं गई लेकिन दानदाता आगे नहीं आए. पिछले छह महीने में सिर्फ 8092 रु दान मिला है जिसमें 1205 रु गुप्त दान है और 6887 रुपए का दान मध्यप्रदेश गौ संवर्ध बोर्ड की वेबसाइड पर दान दाताओं की सूची में देखा जा सकता है. दसअसल यह योजना सड़को पर घूम रही लावारिश गायों को निवासस्थल प्रदान करने के लिए बनाई गई थी. इस योजना को शुरू करने के पहले राज्य सरकार का उद्देश्य था लोग गौ सेवा तो करना चाहते हैं लेकिन व्यस्तताओं के चलते वे चाहते हुए भी ऐसा नहीं कर पाते हैं और घरों में इतना स्थान नहीं है कि लोग गायों को पाल सके. इसलिए लोग गौशाला के लिए दान देकर या फिर गायों के चारा और अन्य जरूरतों पर होने वाले खर्च उठाकर उन्हें गोद ले सकते हैं. 

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क्या है दान देने का प्रावधान
कमलनाथ सरकार ने बाकायदा इसके लिए ऑनलाइन दान की व्यवस्था शुरू की थी जिसका नाम गौ संवर्धन गौपालन बोर्ड रखा गया. जिस वेबसाइट पर जाकर लोग ऑनलाइन दान कर सकते हैं और साथ ही इस फार्म में गुप्त दान का भी ऑप्शन दिया गया है. दान दाताओं की सूची भी इस वेबसाइड पर ऑनलाइन देखी जा सकती है. दानदाताओं की ऑनलाइन की गई सूची में 35 रुपए से लेकर 1400 रुपए तक दान दाताओं ने दान दिया है जिसके बारे में वेबसाइट पर जानकारी दी गई है. योजना के तहत  3 लाख रुपए देकर कोई भी व्यक्ति गाय को 10 साल के लिए गोद ले सकता है. यदि कोई कम समय के लिए गाय को गोद लेना चाहता है तो इसकी भी व्यवस्था है. इसमें 15 दिन के लिए 1100 रुपए और एक साल के लिए 21 हजार रुपए निर्धारित की गई है. इस राशि से गाय के चारा की व्यवस्था की जाएगी. गौशाला में बोरबेल, शेड या अन्य निर्माण कार्य के लिए भी दानदाता राशि दान कर सकते हैं.

क्या कहा बीजेपी नेता ने
सरकार के गौ सेवा के लिए दान देने की योजना पर दान नही मिलने पर बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को घेरा है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता विस्वास सारंग ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दान देने की मानसिकता दानवीर की यह रहती है कि दान की राशि का सदुपयोग होगा लेकिन राज्य सरकार ने विश्वसनीयता खत्म कर दी है. जनता को लगता है दान दिया तो पैसा दान में नही लगेगा बल्कि कांग्रेस नेताओं के जेब मे जाएगा. इसलिए सरकार को कोई दान नही दे रहा है.शर्म की बात है कि जनता सरकार को ही दान नही दे रही है और इससे सरकार की साख खराब हो रही है.

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