राजस्थान में रोबोट बना नर्स, कोरोना से बचाएगा

कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में सबसे ज्यादा मुश्किलें डॉक्टर, नर्सों और पैरा मेडिकल स्टाफ को झेलनी पड़ रही हैं. ये लोग कोरोना पीड़ित मरीजों के सीधे संपर्क में आते हैं...जिससे इनके संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. लेकिन अब इनका काम आसान करने के लिए आ गया है सोना 2.5 नाम का रोबोट.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 27, 2020, 06:47 PM IST
  • - सोना 2,5 रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आईओटी और एसएलएएम तकनीक का उपयोग करके तैयार किए गए हैं.
    - ये सेंसर की मदद से खुद नेविगेट करते हुए अपना रास्ता बनाते हैं और टारगेट तक पहुंचते हैं.
    - ये किसी भी फर्श या फ्लोर पर आसानी से मूव कर सकते हैं.
    - ये लाइन फॉलोअर नहीं हैं बल्कि ऑटो नेविगेशन रोबोट हैं.
    - ये वाई-फाई सर्वर के जरिए लैपटॉप या स्मार्ट फोन से भी ऑपरेट हो सकते हैं.
    - ऑटो नेविगेशन होने से इन्हें अंधेरे में भी मूव कराया जा सकता है.
    - बैटरी डिस्चार्ज होने से पहले ही ये खुद चार्जिंग पॉइंट पर जाकर ऑटो चार्ज हो सकते हैं
राजस्थान में रोबोट बना नर्स, कोरोना से बचाएगा

जयपुर: राजस्थान के जयपुर स्थित सूबे के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में सोना रोबोट के इस्तेमाल का ट्रायल किया गया. इसमें सोना 2.5 के जरिए कोरोना पीड़ित के बेड पर दवा पहुंचाने का ट्रायल किया गया. 

नर्सिंग स्टाफ को कोरोना से बचाने की कोशिश
कोरोना पीड़ित मरीजों को दवा देने के लिए नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ को बार-बार उनके संपर्क में आना पड़ता है. इसी को देखते हुए इस रोबोट के इस्तेमाल की योजना बनाई गई है. इससे नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ को कोरोना पॉजिटिव मरीज के पास बार-बार संपर्क में आने से बचाया जा सकेगा.

सोना 2.5 रोबोट को डेवलप करने वाली कंपनी क्लब फर्स्ट टेक्नोलॉजी के मैनेजिंग डायरेक्टर भुवनेश मिश्रा ने बताया कि 'ये इंडिया का ही नहीं बल्कि मेरे ख्याल से दुनिया का पहला इनीशिएटिव है कि हम लोग रोबोट के जरिए आइसोलेशन वार्ड में सर्विस प्रोवाइड कर रहे हैं. जो भी कोरोना के मरीज हैं उनके काफी क्लोज जाकर ये रोबोट सर्विस दे सकता है और कोरोना मरीजों को खाना, उनकी दवाइयां उनके बेड तक पहुंचा सकता है'.

दूर से किया जाएगा संचालित
सोना 2.5 रोबोट का संचालन कंप्यूटर के जरिए एक स्थान से बैठे-बैठे किया जा सकता है. लिहाजा इस रोबोट के जरिए कोरोना पॉजिटिव मरीज का बिना खतरा मोल लिए इलाज हो सकेगा.
अगर यह प्रयोग सफल रहा तो एसएमएस अस्पताल में कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए रोबोट की संख्या बढ़ाई जाएगी और एसएमएस अस्पताल ऐसा करने वाला देश का पहला अस्पताल बन जाएगा.

रोबोट सोना 2.5 की ये हैं खासियतें
- ये रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आईओटी और एसएलएएम तकनीक का उपयोग करके तैयार किए गए हैं.
- ये सेंसर की मदद से खुद नेविगेट करते हुए अपना रास्ता बनाते हैं और टारगेट तक पहुंचते हैं.
- ये किसी भी फर्श या फ्लोर पर आसानी से मूव कर सकते हैं.
- ये लाइन फॉलोअर नहीं हैं बल्कि ऑटो नेविगेशन रोबोट हैं.
- ये वाई-फाई सर्वर के जरिए लैपटॉप या स्मार्ट फोन से भी ऑपरेट हो सकते हैं.
- ऑटो नेविगेशन होने से इन्हें अंधेरे में भी मूव कराया जा सकता है.
- बैटरी डिस्चार्ज होने से पहले ही ये खुद चार्जिंग पॉइंट पर जाकर ऑटो चार्ज हो सकते हैं

सोना 2.5 रोबोट में नहीं होगा संक्रमण
सोना 2.5 रोबोट में संक्रमण का खतरा नहीं होता है. इस रोबोट को बनाने में वाटर बेस मेटीरियल यूज किया है ताकि ये इनफेक्शन फ्री रहे. यही नहीं इसपर धूल भी नहीं जम सकती. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बेहद कम हो जाता है. सर्विस से लौटने के बाद ये रोबोट सैनिटाइज किया जाता है. 

राजस्थान में तेजी से फैल रहे संक्रमण को रोकेगा सोना 2.5
भारत में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना वायरस का राजस्थान में संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. राजस्थान में अब तक 43 लोग कोरोना प्रभावित पाए गए हैं. जिसमें से 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है. 
कोरोना के खिलाफ डॉक्टरों की जंग को मजबूती देने के लिए सोना 2.5 रोबोट भी मैदान में उतर गया है.

 

 

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