नई दिल्लीः वे हाथ कितने भी नन्हें और कोमल क्यों न हों, अगर मदद और नेकी के लिए उठते हैं तो हमेशा बड़े बन जाते हैं. कोरोना संकट, महामारी और लॉकडाउन के इस दौर में यह भी देखने को मिल रहा है कि मदद के लिए भी हाथ उठ रहे हैं. इसके लिए बड़े-बुजुर्ग तो क्या बच्चे भी आगे आ रहे हैं और खुलकर मदद कर रहे हैं. सबकी आंखों में बस एक ही आशा है कि वे देश को इस संकट से बचा कर रहेंगे. किसी बच्चे ने इसके लिए अपनी गुल्लक तोड़ दी तो किसी युवक ने अपना खास संग्रह ही नीलाम कर दिया.
पुराने सिक्कों की करेंगे नीलामी
यह खबर भुवनेश्वर से आई है. यहां के एक अंकशास्त्री हैं देबिप्रसाद मंगराज. उनके पास सिक्कों का अद्भुत संग्रह है. मंगराज ने अपने दो लाख पुराने सिक्कों की नीलामी करने का फैसला किया है. उनका दावा है कि ये सिक्के करोड़ों के हैं. मंगराज का कहना है कि मैंने राज्य और केंद्र सरकार को ये रुपये डोनेट करने का फैसला किया है, ताकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ये सिक्के मदद कर सकें. इनमें प्राचीन से लेकर वर्तमान समय के सिक्के हैं.
ओडिशा: भुवनेश्वर के एक मुद्रा शास्त्री देबिप्रसाद मंगराज ने 2 लाख पुराने सिक्कों की नीलामी करने का फैसला किया है,दावा है कि ये सिक्के करोड़ों के हैं।उन्होंने कहा"मैंने निर्णय किया है कि मैं इस धन को #COVID19 से लड़ने के लिए शुरू किए गए राज्य और केंद्र सरकार के फंड में दान करूंगा" pic.twitter.com/qAhmvk5Xvy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 25, 2020
बच्चों ने तोड़ी थी गुल्लक
यूपी के जनपद लखीमपुर खीरी के एक गांव के दो बच्चों ने भी बड़ी मिसाल पेश की थी. यहां सिकंदराबाद कस्बे में रहने वाले दस वर्षीय पार्थ त्रिवेदी, आराध्या त्रिवेदी व उनके साथी ने अपनी गुल्लक फोड़ दी थी. बच्चों की गुल्लक से 3750 रुपये मिले. वह एक एडवोकेट और प्रधानपुत्र के साथ कस्बा स्थित चौकी पर पहुंचे और सारा पैसा चौकी प्रभारी को सौंप दिया था.
बच्चों ने बताया था कि उन्होंने अखबार में देखकर इस बीमारी से लड़ने के लिए अपनी गुल्लक फोड़ना जरूरी समझा. बच्चों की ओर से प्राप्त इस धन को सरकारी कोष में जमा करा दिया गया. इसके अलाव पीएम केयर्स फंड में भी कोरोना से लड़ने के लिए लोग सहायता राशि दे रहे हैं.
क्या है स्वामित्व योजना, जानिए इसके लाभ और सभी जरूरी बातें
इस बच्चे को लद्दाख के सांसद ने कहा था रियल हीरो
लद्दाख में कोरोना वायरस से निपटने की मुहिम को मजबूती देने के लिए एक दस साल के बच्चे ने पॉकेट मनी दान की थी. कारगिल जिले के जीएम पोर के निवासी मोहम्मद कुमेल के पुत्र मोहम्मद हस्सन ने तीन हजार रुपये पॉकेट मनी कोरोना के संदिग्ध मरीजों को सुविधाएं जुटाने के लिए दान की थीं.
लद्दाख के भाजपा सांसद जामियांग त्सीरिग नांग्याल ने इस बच्चे के जज्बे को सलाम किया था और इसे रियल हीरो बताया था. उन्होंने सभी से इस बच्चे की हौसला अफजाई के लिए अपील की थी.
लॉकडाउन तोड़ने वालों से ऐसे निपट रही पुलिस, कहीं प्रैंक तो कहीं फनी पनिशमेंट