लखनऊ: प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आज विधानमंडल के मानसून सत्र में उस समय असहज हो गई जबकि भाजपा के ही पांच दर्जन से अधिक विधायक सदन में सरकार के खिलाफ धरना पर बैठ गए. इस विरोध प्रदर्शन को विपक्ष के विधायकों का भी समर्थन मिल गया और हंगामा बढ़ गया जिससे विधानसभा स्पीकर ह्रदय नारायण दीक्षित को कार्रवाई बुधवार तक के लिये स्थगित करनी पड़ी.
पुलिस उत्पीड़न करने पर विधायकों ने किया विरोध
आपको बता दें कि पुलिस उत्पीडऩ पर अपनी बात कहना चाह रहे गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंद किशोर गुर्जर के समर्थन में उनकी पार्टी के विधायक तो आये ही विपक्ष भी साथ खड़ा हो गया. अंतत: विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
लगभग 60 विधायकों ने किया विरोध
भाजपा के ही पांच दर्जन से अधिक विधायक सदन में सरकार के खिलाफ धरना पर बैठ गए. इन सभी को शीतकालीन सत्र के पहले ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के कारण इनको सभी को बाद में कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी के भी काफी विधायकों का समर्थन मिल गया.
किसी भी राज्य में यूं तो विपक्ष के कारण अक्सर ही विधानसभा सदन की कार्यवाही स्थगित होती रही है लेकिन मंगलवार को लखनऊ में पहली बार सत्ता पक्ष के विधायकों के कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी.
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