Pride Of India: महान संगीतकार राजा स्वाति तिरुनाल की कहानी

स्वाती तिरुनाल की ही परम्परा को सालों बाद आगे बढ़ाया उन्ही के ही वंशज प्रिंस राम वर्मा ने स्वाति तिरुनाल का जो महल उदास लगने लगा था एक बार फिर संगीत से गूंजने लगा लेकिन प्रिंस राम वर्मा के लिए भी संगीत साधना करना आसान नही था.

स्वाति थिरूनल के वक़्त भारत पर अंग्रेजो का अधिकार हो चुका था वो एक के बाद एक राज्य हड़प रहे थे. ऐसी ही एक नीति थी कि अगर किसी राज्य का उत्तराधिकारी नहीं है. तो उसे ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया जाएगा त्रावणकोर पर भी संकट के बादल मंडरा रहे थे.

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