भोपाल: जबलपुर स्टेशन पर लोगों ने साक्षात यमराज के दर्शन किए. इसके बाद जिसने भी यमराज और उनके साथ चित्रगुप्त को देखा, वह सभी अचंभित हो गए. दरअसल यह जबलपुर आरपीएफ की रेलवे नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने की एक पहल थी, जिसके माध्यम से यमराज और चित्रगुप्त बने कलाकारों ने रेलवे पटरियों को क्रॉस करने वाले लोगों को उनके जिंदगी और मौत के मायने बताए, वह भी एक छोटे से नाटक के जरिए.
यमराज ने कहा नियमानुसार मिलेगी सजा अगर फिर से की यह गलती
इस छोटी सी पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों को रेलवे पटरियां न पार करने के लिए जागरूक करना था. इस पहल में यमराज बने राजेश ने कहा कि आरपीएफ के साथ मिलकर पर हम लोगों ने रेलवे नियमों के प्रति लोगो को जागरूक किया. जिन्होंने नियम तोड़े उन्हें आरपीएफ को सुपुर्द कर किया. इसके बाद उन्होंने नियमानुसार कार्रवाई की.
यमराज बाद में पहले आरपीएफ सुनाएगी सजा
सिर्फ इतना ही नहीं हुआ. यमराज के निर्देश पर चित्रगुप्त द्वारा नियम तोड़ पटरी क्रॉस करने वाले लोगों की गलतियों को भी मौके पर ही सुना गया और फिर एक छोटे से नाट्य कथा के जरिए उन गलतियों की यमलोक में कानून के जरिए क्या सजा भुगतनी होगी, वह सब बताया गया.
लेकिन सजा यमलोक की तर्ज पर नहीं पृथ्वीलोक की तर्ज पर सुनाई गई जिसमें रेलवे नियमों की अवहेलना करने पर आरपीएफ की धाराओं में नियम तोड़ने वाले लोगों को क्या भुगतना होगा वह सब बताया गया.
नाट्यमंचन के जरिए जागरूकता फैलाने की कोशिश
अब इस नाट्य मंचन के चित्रगुप्त बने प्रवीण ने कहा कि यमराज के निर्देश पर रेल अधिनियम 1989 के तहत सजा सुनाई, आरपीएफ ने चालानी कार्रवाई की. इस मुहीम को जहां लोगों ने काफी सराहा, वहीं नियम तोड़ने वालों को अपनी गलती भी समझ आई. कईयों ने कहा कि वे यह गलती फिर कभी नहीं करेंगे. लोगों ने कहा कि भविष्य में इस जागरूकता का असर भी तत्काल देखने को मिलेगा.
क्या कहा गलती करने वाले लोगों ने
कॉलेज में पढ़ने वाली पायल कहती हैं कि वह पेपर देने जा रही थी और जल्दबाजी में रेलवे पटरी को क्रॉस कर गईं, लेकिन यमराज ने बताया कि यदि जिंदगी ही नहीं होगी तो फिर कैसे पेपर दे सकेंगे इसलिए अब मैं भविष्य में यह गलती नहीं दोहराउंगी.
वहीं शहर में रहकर काम करने वाले सुनील ने कहा की यह सब एक जागरूकता पहल का हिस्सा था, लेकिन जो सब कुछ उनके सामने दिखाया गया वह सब वास्तविकता में भी घटित हो सकता था. इसलिए अब वह भविष्य में कभी रेलवे की पटरियों को क्रॉस नहीं करेंगे और नियमानुसार रेलवे फुट ओवरब्रिज का उपयोग करेंगे.