नई दिल्ली (सत्यम विशाल): पड़ोसी देश पाकिस्तान में बुधवार को आम चुनाव के लिए वोटिंग हुई. चुनाव परिणाम के शरुआती रुझान के मुताबिक इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को अन्य दलों के मुकाबले ज्यादा सीटें मिल रही है. हालांकि अब तक सभी सीटों के परिणाम स्पष्ट नहीं हुए हैं. अब तक आ रहे रुझानों से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पूर्व क्रिकेटर इमरान खान पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं. 


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पाकिस्तान के इस आम चुनाव में इमरान खान के पास सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे. इमरान लगभग अपने सभी चुनावी रैलियों में पीएम मोदी का नाम जरूर लेते थे. अगर उनकी सभी रैलियों में दी गई भाषणों का अर्थ निकाले तो वह पाकिस्तान की जनता को ये समझाना चाहते थे कि नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ दोस्त है और दोनों मिलकर पाकिस्तान की बर्बादी चाहते हैं. 


हर रैली में वह पाकिस्तानी जनता को पीएम मोदी के नाम से डराते जरूर थे. मोदी को इमरान मुसलमानों का सबसे बड़ा दुश्मन बताते और भाषण में गुजरात दंगे और कश्मीर समस्या के लिए मोदी को जिम्मेदार बताते. इसके साथ इमरान पाकिस्तान की जनता को यह विश्वास दिलाने कि कोशिश करते कि वह नवाज के जैसे डरपोक नहीं है. वह नरेंद्र मोदी का जमकर मुकाबला करेंगे. 


 



 


इमरान अपनी रैलियों में पीएम मोदी और नवाब शरीफ के दोस्ती को कुछ इस तरह पाकिस्तान के जनता को समझाते थे. इमरान अपने भाषण में कहते थे कि नवाज शरीफ पाकिस्तानी फौज पर बार-बार निशाना साधते हैं, जिससे यह पता चलता है कि इंडियन मीडिया और उनकी सरकार को नवाज से इश्क है. नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नवाज शरीफ ठीक है लेकिन पाकिस्तानी फौज गलत है. इसलिए उन्हें यह फिक्र है कि यह आदमी पाकिस्तान इंट्रेस्ट देखेगा ना कि हिंदुस्तान का. मैं पाकिस्तानी हूं तो मेरा काम है कि मेरे लोगों की बेहतरी किस चीज में है. मेरे पैसे बाहर के बैंक में नहीं पड़े है. मेरी वफादरी मेरे पैसे से नहीं मेरे मुल्क से है.


 



 


ऐसे ही कई जुमले इमरान खान ने पाकिस्तान पीएम की कुर्सी हथियाने के लिए इस चुनाव में अपनाया. अब चुनाव परिणाम देख कर तो ऐसा ही लग रहा है कि नरेंद्र मोदी के सहारे इमरान खान का बेड़ा पार लग ही गया.