अमेरिका ने अपनी सेना के लिए एक नया ताकतवर हेलिकॉप्टर तैयार किया है, जो भारी हथियार, गाड़ियां और दर्जनों सैनिकों को एक साथ दुर्गम इलाकों में ले जाने की क्षमता रखता है.
अमेरिका की सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना माना जाता है. अपनी ताकत को और भी मजबूत बनाने के लिए अमेरिका लगातार नई तकनीक और आधुनिक हथियारों पर काम करता रहता है. खासतौर पर ऐसे हेलिकॉप्टर और मशीनें, जो भारी सामान और सैनिकों को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें. एक ऐसा ही हेलिकॉप्टर अमेरिका ने अपनी सेना में शामिल किया है, जो ताकत, टेक्नोलॉजी और रफ्तार, तीनों मामलों में अब तक के सभी हेलिकॉप्टरों से आगे है.
अमेरिकी सेना कई बार ऐसे इलाकों में ऑपरेशन करती है, जहां सड़कें नहीं होतीं या हालात बहुत खराब होते हैं. ऐसे में जरूरत होती है ऐसे एयरक्राफ्ट की, जो भारी हथियार, सैनिक और सामान को एक साथ उठाकर सुरक्षित पहुंचा सके. इसके लिए अमेरिका ने एक खास हेलिकॉप्टर तैयार किया है, जो इन जरूरतों को पूरा करता है और कई मामलों में पुराने हेलिकॉप्टरों से कहीं ज्यादा ताकतवर है.
इस हेलिकॉप्टर का नाम Sikorsky CH-53K King Stallion है. इसे अमेरिका की डिफेंस कंपनी Sikorsky ने बनाया है, जो लॉकहीड मार्टिन ग्रुप का हिस्सा है. इस हेलिकॉप्टर की सबसे बड़ी खासियत है इसकी लिफ्टिंग क्षमता, यानी ये एक बार में करीब 16 टन तक का वजन उठा सकता है. ये अमेरिका का अब तक का सबसे पावरफुल ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर है.
इस हाई-टेक हेलिकॉप्टर की कीमत भी उतनी ही बड़ी है. एक हेलिकॉप्टर की लागत करीब 97 मिलियन डॉलर (यानि 800 करोड़ रुपए से ज्यादा) है. इसे खासतौर पर अमेरिकी मरीन कॉर्प्स के लिए तैयार किया गया है, ताकि वह किसी भी युद्ध या इमरजेंसी में तुरंत रिस्पॉन्ड कर सके.
CH-53K को सबसे आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है. इसमें ऑटोमेटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, नाइट विजन, डिजिटल कॉकपिट और तीन शक्तिशाली टर्बो इंजन लगे हैं. इसकी मदद से ये हेलिकॉप्टर रेगिस्तान, पहाड़, बर्फ और समंदर जैसे किसी भी वातावरण में ऑपरेशन कर सकता है.
इस हेलिकॉप्टर का साइज भी काफी बड़ा है. इसमें एक साथ 55 सैनिक, एक हल्का टैंक या दो ट्रक जैसे भारी वाहन रखे जा सकते हैं. इसके दरवाजे और रैंप इतने चौड़े हैं कि भारी हथियार और गाड़ियां भी आसानी से अंदर रखी जा सकती हैं.
CH-53K, पुराने CH-53E मॉडल से कई गुना बेहतर है. यह 57% ज्यादा वजन उठा सकता है, इसका मेंटेनेंस भी आसान है और उड़ान के दौरान पायलट को ज्यादा कंट्रोल और सेफ्टी मिलती है. इसकी सर्विस लाइफ भी पहले की तुलना में ज्यादा लंबी है.
अमेरिका ने फिलहाल इसे अपनी मरीन फोर्स में शामिल किया है, लेकिन जापान, इजराइल और जर्मनी जैसे देश भी इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. आने वाले समय में ये हेलिकॉप्टर दुनियाभर की सेनाओं का हिस्सा बन सकता है.