आर्मी के भगोड़ों के साथ किया जाता है ये सुलूक, मिलती है रूह कंपा देने वाली सजा!

भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है. इसे सख्त डिसिप्लिन के लिए जाना जाता है. हालांकि, कुछ जवान सेना में भर्ती होने के बाद आर्मी के टाइट डिसिप्लिन रूल को फॉलो नहीं कर पाते, जिस कारण वे वापस अपने घर भागकर पहुंच जाते हैं, लेकिन ऐसा करने पर भारतीय आर्मी में सख्त नियम बनाए गए हैं.

भारत में बहुत से युवाओं का सपना होता है इंडियन आर्मी जॉइन करना, लेकिन सख्त डिसिप्लिन को हर कोई फॉलो नहीं कर पाता, जिस कारण सेना के जवान आर्मी छोड़कर वापस आ जाते हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि जो जवान ऐसे भर्ती के बाद बीच में ट्रेनिंग छोड़कर चले आते हैं उनके साथ क्या सुलूक किया जाता है. आइए आज इसी जवाब को जानते हैं कि किन जवानों के लिए क्या नियम बनाए गए हैं.

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विश्व की चौथी सबसे शक्तिशाली भारतीय सेना का दबदबा पूरी दुनिया में कायम है, लेकिन अगर कोई सैनिक भर्ती के बाद बिना परमिशन के भारतीय सेना से भाग कर वापस लौट जाता है, तो इसे डिसर्शन (Desertion) यानी पलायन कहा जाता है. ऐसे में डिसिप्लिनरी एक्शन लिया जाता है.  

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भारतीय सेना अधिनियम 1950 की धारा 38 के तहत यह एक अपराध है. अगर कोई सैनिक जानबूझकर ड्यूटी छोड़कर भागता है और वापस नहीं आता तो उस पर इस धारा के तहत कार्रवाई की जाती है.

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यदि कोई सैनिक यह सक्रिय सेवा के दौरान ये अपराध करता है तो उसे मृत्यु दंड या अधिनियम 1950 में वर्णित अन्य सजाएं दी जाती हैं, जैसे कि सात साल तक की सजा हो सकती है.

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अगर कोई सेना का जवान उचित प्राधिकरण के बिना अनुपस्थित रहता है तो उसे सेना अधिनियम 1950 की धारा 39 के तहत 3 वर्ष तक कारावास की सजा दी जाती है.

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अगर कोई जवान बल प्रयोग करता है या धमकी भरी भाषा का प्रयोग करता है तो उसे धारा 40 के तहत या जानबूझकर किसी अधिकारी की अवहेलना करने पर धारा 41 के तहत 14 वर्ष के कारावास की सजा दी जाती है.