हर साल मानसून के दौरान देश का एक हिस्सा बाढ़ की गंभीर चपेट में आ जाता है. लाखों लोग बेघर हो जाते हैं, फसलें तबाह हो जाती हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. यहां की नदियां उफान पर होती हैं और हालात इतने खराब हो जाते हैं कि राहत कार्य भी मुश्किल हो जाते हैं.
हर साल जब मानसून आता है, तो देश के कई हिस्सों में बारिश राहत के बजाय आफत बन जाती है. खेत डूब जाते हैं, गांव उजड़ जाते हैं, और लाखों लोग बेघर हो जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में ऐसा कौन सा राज्य है, जो सबसे ज्यादा बार और सबसे भयानक बाढ़ झेलता है? जवाब जानने से पहले आइए समझते हैं बाढ़ की इस समस्या को थोड़ा गहराई से.
भारत में मानसून का मौसम जहां एक ओर किसानों के लिए वरदान होता है, वहीं दूसरी ओर कई राज्यों के लिए यह विनाश लेकर आता है. देश के कई हिस्सों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन जाती है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाता है.
बाढ़ के चलते हर साल लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो जाते हैं. कई बार लोगों को राहत शिविरों में दिन गुजारने पड़ते हैं, जहां न तो पर्याप्त सुविधाएं होती हैं और न ही पर्याप्त भोजन या दवाइयां. सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को होती है.
बाढ़ का सबसे बड़ा असर किसानों पर पड़ता है. तैयार फसलें पानी में बह जाती हैं, खेत लंबे समय तक बंजर हो जाते हैं और लोगों की सालभर की मेहनत एक झटके में खत्म हो जाती है. इसके अलावा सड़कों, पुलों और बिजली के खंभों को भी भारी नुकसान होता है.
सरकार और एनडीआरएफ की टीमें हर साल राहत कार्यों में जुट जाती हैं. लेकिन कई बार बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. पानी की तेज धाराएं, कटे हुए रास्ते और खराब मौसम राहत कार्यों में बड़ी चुनौती बन जाते हैं.
बढ़ती बाढ़ की एक बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन भी है. अनियमित बारिश, ग्लेशियरों का पिघलना और अनियोजित शहरीकरण ने हालात को और खराब किया है. नदियों के किनारे अतिक्रमण और जल निकासी की खराब व्यवस्था भी बाढ़ की स्थिति को और बिगाड़ देती है.
भारत में सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित राज्य बिहार ही है. अफसोस की बात ये भी है कि बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य भी है. ऐसे में लोगों को हर दिन कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. हर साल गंगा, कोसी, बागमती और गंडक जैसी नदियां यहां कहर बरपाती हैं. राज्य के करीब 70 प्रतिशत से ज्यादा इलाके बाढ़ से प्रभावित होते हैं.
बिहार में बाढ़ का सबसे बड़ा कारण कोसी नदी को माना जाता है, जिसे बिहार की शोक नदी भी कहा जाता है. नेपाल से निकलने वाली यह नदी हर साल अपना रास्ता बदलती है और गांव के गांव बहा ले जाती है. 2008 की बाढ़ कोसी की सबसे भयंकर बाढ़ों में से एक मानी जाती है, जिसमें लाखों लोग प्रभावित हुए थे.