वियतनाम दुनिया का सबसे सस्ता देश माना जाता है, जहां रहना, खाना और घूमना बेहद किफायती है. कम बजट में शानदार ट्रैवल अनुभव पाने के लिए यह देश टूरिस्ट्स की पहली पसंद बन चुका है. यहां की करेंसी, लोकल लाइफ और टूरिज्म सुविधाएं इसे और भी खास बनाती हैं.
दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं, जहां कम खर्च में भी शानदार जीवन जीया जा सकता है. वहां की करेंसी, रहन-सहन, खाना-पीना और यात्रा सभी कुछ इतना किफायती होता है कि टूरिस्ट भी बिना बजट की चिंता किए लंबा समय बिता सकते हैं. ऐसा ही एक देश हाल के वर्षों में टूरिस्ट्स के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है, जिसे दुनिया का सबसे सस्ता देश माना जा रहा है. यहां न सिर्फ ट्रैवल करना सस्ता है, बल्कि हर रोज की जरूरतें भी बहुत कम पैसों में पूरी हो जाती हैं.
जिस देश की बात की जा रही है, उसका नाम है 'वियतनाम' (Vietnam). दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित यह देश न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी बेहद किफायती जीवनशैली के लिए भी जाना जाता है. कई अंतरराष्ट्रीय सर्वे और ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स ने वियतनाम को दुनिया के सबसे सस्ते देशों में पहला स्थान दिया है.
वियतनाम में होटलों और होस्टलों के दाम इतने कम हैं कि आप रोजाना केवल ₹500 से ₹700 में एक साफ और सुविधाजनक जगह पर ठहर सकते हैं. यदि आप थोड़ा बेहतर सुविधा चाहते हैं, तो ₹1000 से ₹1500 में AC कमरे वाले अच्छे होटल भी आसानी से मिल जाते हैं. यहां लॉन्ग-टर्म ट्रैवलर्स के लिए किराये पर फ्लैट और हॉस्टल भी बेहद सस्ते हैं.
यहां का लोकल स्ट्रीट फूड बहुत लोकप्रिय है, और कीमतें भारतीय मानकों के हिसाब से काफी सस्ती हैं. नूडल सूप (फो), फ्राइड राइस, बैन मी (लोकल सैंडविच) और सी-फूड जैसे कई स्वादिष्ट व्यंजन केवल ₹50 से ₹100 के बीच मिल जाते हैं. खास बात ये है कि यहां शाकाहारी खाने के भी कई विकल्प मौजूद हैं, जो भारतीय यात्रियों के लिए एक अतिरिक्त राहत की बात है.
वियतनाम केवल सस्ता ही नहीं, बल्कि बहुत खूबसूरत भी है. हनोई, हालोंग बे, हो ची मिन्ह सिटी, सापा और डा नांग जैसे शहर यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. लोकल ट्रैवल के लिए बाइक रेंट, लोकल बसें और ट्रेन जैसे कई विकल्प बेहद कम दाम पर उपलब्ध हैं. यहां आप दिनभर में केवल ₹100 से ₹200 खर्च करके पूरे शहर का भ्रमण कर सकते हैं.
वियतनाम इसलिए भी सस्ता माना जाता है क्योंकि यहां की करेंसी 'वियतनामी डोंग' भारतीय रुपये के मुकाबले काफी कमजोर है. साथ ही, लोकल स्तर पर उत्पादन सस्ता होने से खाने-पीने और यात्रा का खर्च भी बहुत कम हो जाता है. सरकार भी टूरिज्म को बढ़ावा देती है, जिससे विदेशी पर्यटकों को सुविधाएं मिलें और उनका बजट न बिगड़े.