गुल्लक की जगह इस स्कीम में हर महीने जमा करें 2 हजार, 5 साल में लखपति बन जाएगा आपका बेटा
Child investment plan: बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए रुपयों की सख्त जरूरत होती है. क्योंकि महंगाई के इस दौर में बच्चों की परवरिश से लेकर पढ़ाई में काफी खर्च होता है. लेकिन सरकार की एक योजना (Child plan) से आपकी परेशानी दूर हो सकती है.
बच्चों के सपनों को मिलेगी नई उड़ान
दरअसल, पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम (Post Office Recurring Deposit Scheme) आपके बच्चों के सपनों की उड़ान को नए पंख देगी. इसकी बदौलत आपको रुपये की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा और न ही उनके भविष्य से समझौता करना पड़ेगा. जरूरत पड़ने पर इस स्कीम से मिले रुपयों का इस्तेमाल आप भी कर सकेंगे.
जन्म के समय ही खुलवा सकते हैं अकाउंट
पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम के तहत गारंटीड रिटर्न मिलता है. माता-पिता या लीगल गार्जियन बच्चे की ओर से पोस्ट ऑफिस में आरडी अकाउंट (RD) खुलवा सकते हैं. इसमें 5 साल में इन्वेस्टमेंट मैच्योर हो जाता है. इस स्कीम पर सालाना 5.8 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है और हर तिमाही पर कंपाउंडिंग होती है.
आपका बच्चा हो जाएगा मालामाल
अगर आप बच्चे के जन्म के समय पोस्ट ऑफिस में उसका आरडी अकाउंट खुलवाते हैं तो 5 साल का होने तक बच्चे के नाम पर अच्छी खासी रकम इकट्ठा हो जाएगी, जो उसके भविष्य के काम आएगी. इस स्कीम के तहत आपके बच्चे के नाम पर कितनी राशि होगी, इसे उदाहरण के जरिए समझते हैं. अगर बच्चे के जन्म के समय आप उसका आरडी अकाउंट खुलवाते हैं और हर महीने 2 हजार रुपये जमा करते हैं तो 5 साल में उसके नाम पर लगभग 1.40 लाख रुपये हो जाएंगे.
ऐसे खुलवाएं आरडी अकाउंट
आप किसी भी पोस्ट ऑफिस की ब्रांच में जाकर बच्चे के नाम पर रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट खुलवा सकते हैं. इसके बाद 10-10 रुपये के मल्टीपल में डिपॉजिट कर सकते हैं. हर महीने न्यूनतम 100 रुपये का डिपॉजिट करना होगा. अकाउंट कैश या चेक के माध्यम से खुलवाया जा सकता है. चेक देने पर डिपॉजिट की तारीख वही मानी जाएगी, जिसमें चेक क्लियर होगा.
मैच्योरिटी से पहले बंद करा सकते हैं अकाउंट
यही नहीं, आप मैच्योरिटी से पहले ही रुपयों की जरूरत पड़ने पर अकाउंट को बंद करा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए अकाउंट में 3 साल तक डिपॉजिट होना जरूरी है. मतलब घर के गुल्लक में पैसे जमा करने से अच्छा है कि बच्चे के रुपये यहां जमा कराएंगे तो बेहतर लाभ मिलेगा.