PoK में कितने हिंदू रहते हैं? कुल 45 लाख की आबादी में महज इतनी बची संख्या; देखें हैरान करने वाले आंकड़े

PoK Hindu population: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK), जिसे पाकिस्तान 'आजाद कश्मीर' कहता है, भारत का अभिन्न अंग है, जो फिलहाल पड़ोसी देश के कब्जे में है.

PoK Hindu population: इस क्षेत्र का धार्मिक और जनसांख्यिकीय स्वरूप पिछले कुछ दशकों में नाटकीय रूप से बदल गया है. जहां आज़ादी के समय यहां हिंदू और सिख समुदायों की अच्छी खासी आबादी थी, वहीं वर्तमान में यह क्षेत्र लगभग पूरी तरह से मुस्लिम बहुल हो चुका है. रिपोर्ट्स के अनुसार, पीओके की कुल आबादी में हिंदुओं का प्रतिशत न के बराबर बचा है.

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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK), जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, आज धार्मिक अल्पसंख्यकों की घटती संख्या के कारण चर्चा में है. कई मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञ अध्ययनों के अनुसार, पीओके की कुल आबादी लगभग 45 लाख है.

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इतिहास के पन्नों को पलटें तो पता चलता है कि 1947 के विभाजन से पहले, जम्मू और कश्मीर के इस हिस्से में हिंदू और सिख समुदाय बड़ी संख्या में निवास करते थे. 1941 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, तत्कालीन आजाद कश्मीर क्षेत्र में 8% से अधिक हिंदू आबादी थी, जिनकी संख्या 93,000 से ज्यादा थी.

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हालांकि, 1947 के बाद हुए विस्थापन, पलायन और हिंसा की घटनाओं के कारण अल्पसंख्यकों की संख्या तेज़ी से कम होती गई. यह स्थिति आज पीओके के जनसांख्यिकीय बदलाव की एक गंभीर तस्वीर पेश करती है, जहां अन्य धर्मों की उपस्थिति अब लगभग 1 प्रतिशत या उससे भी कम रह गई है.

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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, जो लगभग 13,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है, वहां की वर्तमान जनसंख्या के धार्मिक आंकड़े एकतरफ़ा स्थिति दर्शाते हैं. पीओके की जनसंख्या में मुस्लिम समुदाय की संख्या बहुसंख्यक है. विभिन्न रिपोर्ट्स, जिनमें जोशुआ प्रोजेक्ट और सेंटर फॉर जॉइंट वेलफेयर स्टडीज की रिपोर्ट भी शामिल हैं, दावा करती हैं कि पीओके में 99% से अधिक आबादी मुसलमानों की है. कुछ रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा 100% तक भी बताया गया है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीओके में वर्तमान में हिंदू आबादी की संख्या बहुत कम है. कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि वर्तमान में इस क्षेत्र में 1000 से 1500 हिंदू ही बचे हैं, जो कुल आबादी का एक प्रतिशत भी नहीं है. यह संख्या 1941 की जनगणना से विपरीत है, जब इस क्षेत्र में लगभग 93,559 हिंदू निवास करते थे, जो कुल आबादी का लगभग 8.72% थे. विभाजन के बाद के वर्षों में अल्पसंख्यकों का बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ.

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मुस्लिमों और नगण्य हिंदुओं के अलावा, पीओके में ईसाई और सिख जैसे अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की संख्या भी बहुत कम बची है. 1947 के बाद की राजनीतिक अस्थिरता, सांप्रदायिक हिंसा और प्रशासनिक नीतियों के कारण अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में पलायन करना पड़ा. इस वजह से पीओके का धार्मिक समीकरण पूरी तरह से बदल गया.