दुनिया में एक ऐसा देश है, जहां लड़कियों के शरीर पर खाना परोसा जाता है. ताज्जुब की बात है कि लड़कियां पूरी तरह न्यूड होती हैं. यह उस देश की अजीबो-गरीब परंपरा का हिस्सा है. जो बाद में दुनियाभर में मशहूर हुआ,
यह देश कोई और नहीं बल्कि जापान है. जहां पर न्यूड लड़कियों के बदन पर खाना परोसा जाता है. यह किसी बंद कमरे में नहीं बल्कि खुलेआम होता है. इसके लिए सरकार की ओर से भी किसी तरह की आपत्ति नहीं है. यहां लोग दुनियाभर से खाने का लुफ्त उठाने पहुंचते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए प्रोफेसनल मॉडल हायर किए जाते हैं. जिनमें पुरूष भी हिस्सा लेते हैं. खाना सर्व करने के दौरान मॉडल से किसी भी तरह की बातचीत की मनाही होती है.
जापान में एक अजीबो-गरीब परंपरा है. यहां पर खाना प्लेट के बजाय नग्न लड़कियों पर परोसा जाता है. यह एक संस्कृति का हिस्सा है, जिसे जापान में अभी भी पालन किया जाता है. इसके लिए कई रेस्टोरेंट भी हैं. जहां पर बड़ी संख्या में लोग खाना खाने आते हैं. खाने में लोगों के लिए सूशी परोसा जाता है. जो वहां की पारंपरिक डिश है. कई रेस्टोरेंट में पुरूषों के बदन पर भी खाना परोसा जाता है, लेकिन यह बहुत अधिक पॉपुलर नहीं है.
जापान की पारंपरिक संस्कृति में एक अनोखी परंपरा रही है जिसे ‘न्योताइमोरी’ (Nyotaimori) कहा जाता है. यह परंपरा किसी साधारण भोजन व्यवस्था की तरह नहीं, बल्कि एक ऐसी रस्म है जिसमें नग्न महिला के शरीर पर सुशी परोसी जाती है. इसे अब एक प्रकार की कला का दर्जा दिया गया है, लेकिन इसकी ऐतिहासिक जड़ें बहुत पुरानी और दिलचस्प हैं.
कहा जाता है कि 18वीं सदी के आसपास जापान कई हिस्सों में बंटा हुआ था. उस दौर में समुराई योद्धा (Japanese warriors) अपने-अपने क्षेत्रों की रक्षा करते थे. जब वे युद्ध में जीतकर लौटते थे, तो जश्न के रूप में ‘गेशा हाउस’ (Geisha houses) में इकट्ठा होते थे. इन गेशा हाउसों में ही न्योताइमोरी की परंपरा शुरू हुई, जहां योद्धाओं को नग्न महिला के शरीर से सुशी परोसी जाती थी. इसे भोजन और कामुकता का संगम कहा जाता है.
न्योताइमोरी का सीधा मतलब है, ‘नग्न महिला पर परोसा गया भोजन’. इसमें महिला को पूरी तरह निर्वस्त्र होकर मेज की तरह लेटना होता है. सुशी को उसकी त्वचा से सीधे संपर्क में न लाकर, साफ-सुथरे सैनिटाइज्ड पत्तों पर रखा जाता है. पत्तों को शरीर के समतल हिस्सों पर इस तरह सजाया जाता है जिससे सुशी गिर न जाए. महिला को इस दौरान बिल्कुल स्थिर रहना होता है. न वह हिल सकती है, न मेहमानों से बात कर सकती है. उसे ‘प्लेट’ की तरह पेश किया जाता है. ये अनुभव पूरी तरह नियंत्रण और अनुशासन पर आधारित होता है.
नग्न बदन पर सूशी परोसने की परंपरा में पुरूष भी शामिल होते हैं. जोकि बहुत ज्यादा फेमस नहीं है. जबकि इसके उलट ये परंपरा महिलाओं के साथ ज्यादा देखी जाती है. वहीं पुरुषों के बदन पर खाना परोसने को ‘नैंताइमोरी’ (Nantaimori) कहा जाता है. इसमें नग्न पुरुष के शरीर पर सुशी परोसी जाती है. हालांकि इसे उतना प्रचार नहीं मिला जितना न्योताइमोरी को दुनियाभर में ख्याति प्राप्त हुई.
न्योताइमोरी धनी वर्ग के लिए एक विशिष्ट अनुभव माना जाता है. इसका आयोजन प्राइवेट लोकेशंस पर अधिक होता है और बहुत महंगा होता है. यही कारण है कि यह अक्सर अमीरों की पार्टी या कॉर्पोरेट फंक्शन तक ही सीमित रहता है. फिर भी दुनिया के कई जगहों पर यह खुलेआम सर्व किया जाता है. जिसमें अमेरिका सहित कई देश शामिल हैं.
जहां कुछ लोग इसे कला और परंपरा का हिस्सा मानते हैं, वहीं बहुत से लोगों ने इसे महिलाओं की वस्तुकरण (objectification) और लैंगिक असमानता का प्रतीक करार दिया है. कई नारीवादी संगठनों ने इसे अपमानजनक, अश्लील और अस्वीकार्य बताया है. इसके अलावा, स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं. इन्हीं कारणों से कई देशों में इस परंपरा को पूरी तरह बैन कर दिया गया है, जहां इसे नैतिक और चिकित्सा कारणों से गलत माना गया.
न्योताइमोरी का असर केवल रियल लाइफ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे फिल्मों और सीरीज में भी दिखाया गया है. 2008 की हिट फिल्म ‘Sex and the City’ में सामंथा ने अपने शरीर पर सुशी सजा कर अपने प्रेमी को चौंकाया था. यह दृश्य न्योताइमोरी परंपरा से ही प्रेरित था.