Indian Army: भारत के टी-90 भीष्म टैंक पाकिस्तान के साथ पश्चिमी सीमा पर, खास तौर पर राजस्थान और पंजाब में तैनात इसकी बख्तरबंद डिवीजनों की रीढ़ हैं.
India's T-90 Bhishma Tank: भारतीय सेना द्वारा पिछले साल अक्टूबर में अपना पहला ओवरहॉल्ड टी-90 'भीष्म' टैंक (T-90 'Bhishma' tank) सबके सामने लाया गया. तब बताया गया कि टैंक के पुराने नट और बोल्ट को हटाकर इन्हें नए सिरे से तैयार किया गया. टैंक में 200 से ज्यादा प्रकार के काम हुआ और सटीक मशीनिंग और रीसेटिंग तकनीकों का इस्तेमाल करके टैंक को फिर से तैयार किया गया.
हालांकि, इस साल मार्च में टी-90 'भीष्म' टैंक समेत सैन्य के अन्य हथियारों को अधिक एडवांस करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 54,000 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए. ऐसे में यह टैंक अब और अधिक मजबूत हो रहा है.
टी-90 टैंकों का निर्माण रूस से लाइसेंस के तहत चेन्नई के पास अवाडी में स्थित हैवी व्हीकल्स फैक्ट्री (HVF) में किया गया है. सेना ने कुल 1,657 टी-90 टैंकों का ऑर्डर दिया था, लेकिन वर्तमान में उसके पास लगभग 1,300 ऐसे टैंक हैं.
2003 से सेना का मुख्य युद्धक टैंक टी-90 भीष्म अपनी मारक क्षमता, गति और सुरक्षा के लिए जाना जाता है. लगभग 47 टन वजनी टी-90 भीष्म 9.6 मीटर लंबा और 2.8 मीटर चौड़ा है. इसका छोटा आकार इसे जंगलों, पहाड़ों और दलदली इलाकों में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेजी से भागने में सक्षम बनाता है.
टी-90 भीष्म 125 मिमी स्मूथबोर गन से लैस है, जो विभिन्न प्रकार के गोले दागने में सक्षम है. टैंक में तीन लोगों का दल बैठ सकता है, जिसमें कमांडर, गनर और ड्राइवर होता है. टैंक के टॉप पर लगी एक एंटी-एयरक्राफ्ट गन दो किलोमीटर की सीमा के भीतर लक्ष्यों को भेद सकती है. टैंक प्रति मिनट 800 गोले तक दाग सकता है.
मिलिट्री बैलेंस 2024 के अनुसार, भारतीय सेना कुल 3,740 MBTs संचालित करती है. इसमें 122 स्थानीय रूप से निर्मित अर्जुन टैंक, 2,418 रूसी टी-72एम1 और 1,200 T-90S टैंक शामिल हैं.
T-90S 'भीष्म' रूसी टी-90 का एक वेरिएंट है, जिसे विश्व स्तर पर सेवा में सबसे उन्नत MBT में से एक माना जाता है. T-90S भीष्म स्थानीय रूप से विकसित सक्रिय सुरक्षा प्रणाली से लैस है, जिसे एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों (ATGMs) और रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPGs) का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह चालक दल के लिए भी सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है. इसमें भारत निर्मित समग्र कवच और विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (ERA) पैकेजों का साथ है, जो आधुनिक एंटी-टैंक हथियारों के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं.
T-90S भीष्म को अधिक शक्तिशाली इंजन का भी साथ मिलता है. इससे यह उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र भी पहुंचकर बेहतरीन प्रदर्शन करता है. वहीं, इस टैंक को और मजबूती देने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारतीय सेना के टी-90 टैंकों की मौजूदा 1000 एचपी पावर यूनिट को बदलने के लिए 1350 एचपी इंजन की खरीद की अनुमति दी.
भारत के टी-90 भीष्म टैंक पाकिस्तान के साथ पश्चिमी सीमा पर, खास तौर पर राजस्थान और पंजाब में तैनात इसकी बख्तरबंद डिवीजनों की रीढ़ हैं. भारत-पाक सीमा पर रेगिस्तानी इलाके में तेज रफ्तार वाली बख्तरबंद गतिशीलता की जरूरत होती है, जिसे इस अपग्रेड से और बढ़ाया जा सकेगा.