राष्ट्रगान गाते या सुनते समय सावधान मुद्रा में खड़े रहना जरूरी है. इसका अपमान करने पर नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के तहत तीन साल की जेल, जुर्माना या फिर दोनो की सजा हो सकती है.
भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' हमारी राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है. इसे गाते या सुनते समय कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है, ताकि इसका सम्मान बना रहे. आइए जानते हैं कि राष्ट्रगान के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इसके अपमान पर क्या सजा हो सकती है.
राष्ट्रगान के समय सभी नागरिकों को सावधान की मुद्रा में खड़े रहना जरूरी है. बैठना, चलना या अन्य गतिविधियों में लगे रहना अनुचित माना जाता है और इससे राष्ट्रगान का अपमान होता है.
राष्ट्रगान का पूरा संस्करण 52 सेकंड का होता है, जिसे पूरा गाना या सुनना जरूरी है. हालांकि, कुछ खास अवसरों पर इसका छोटा संस्करण (20 सेकंड) भी बजाया जा सकता है, जिसमे इसकी पहली और अंतिम पंक्तियां होती हैं.
राष्ट्रगान के समय कोई भी व्यक्ति जानबूझकर कोई रुकावट पैदा नहीं कर सकता. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो कानून के तहत इसके लिए सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य को राष्ट्रगान गाने या बजाने से रोकता है या बाधा डालता है, तो इसे एक अपराध माना जाता है. राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 (Prevention of Insults to National Honour Act, 1971) के अनुसार, इस तरह की गतिविधि पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
भारतीय कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रगान का अपमान करता है या इसका अनादर करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल, जुर्माना या फिर दोनो की सजा हो सकती है. यह सजा नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के तहत दी जाती है.