NDA और CDS भारतीय सेना में अफसर बनने के दो अलग रास्ते हैं. NDA 12वीं के बाद होता है, जबकि CDS ग्रेजुएशन के बाद. NDA में ट्रेनिंग लंबी होती है और उम्र सीमा कम होती है. CDS में ग्रेजुएट छात्र अप्लाई करते हैं. दोनों का मकसद देश को योग्य सैन्य अफसर देना है.
भारत की सेना में अफसर बनना सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक गर्व की बात होती है. देश के लाखों युवा इस सपने को लेकर मेहनत करते हैं. जब बात आती है सेना में जाने की तो सबसे ज्यादा चर्चा में दो ही नाम होते हैं, NDA और CDS. लेकिन बहुत से लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं कि इन दोनों फर्क क्या है. चलिए जानते हैं इन दोनों के बीच का अंतर और क्या है इसका सेलेक्शन प्रोसेस
NDA यानी नेशनल डिफेंस अकादमी, ये उन स्टूडेंट्स के लिए होता है जो 12वीं के बाद ही सेना में अफसर बनने का सपना देखते हैं. इस एग्जाम में आप तब अप्लाई कर सकते हैं जब आप 12वीं में हों या 12वीं पास कर चुके हों. अगर आपको एयरफोर्स या नेवी में जाना है, तो आपके 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स होना जरूरी है.
NDA एग्जाम हर साल दो बार UPSC द्वारा करवाया जाता है. इसमें दो पेपर होते हैं, एक मैथ्स का और दूसरा जनरल एबिलिटी टेस्ट (GAT). ये एग्जाम पास करने के बाद SSB इंटरव्यू होता है, जो लगभग 5 दिन चलता है. उसके बाद मेडिकल टेस्ट होता है.
अगर आप पूरे प्रोसेस में सफल होते हैं तो आपको पुणे की NDA अकादमी में 3 साल की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ एजुकेशन भी कराई जाती है. इसके बाद आखिरी साल में आप अपने चुने गए फोर्स (Army, Navy या Air Force) के अकादमी में एक साल की ट्रेनिंग करते हैं. NDA से पास होकर निकलने पर आपको सीधे लेफ्टिनेंट की पोस्ट मिलती है.
CDS यानी Combined Defence Services, ये उन युवाओं के लिए है जो पहले अपनी ग्रेजुएशन पूरी करना चाहते हैं और फिर सेना में अफसर बनना चाहते हैं. CDS भी NDA की तरह UPSC द्वारा साल में दो बार आयोजित किया जाता है. CDS में अप्लाई करने के लिए आपके पास ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए या फिर आप ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में हों. अगर आप एयरफोर्स में जाना चाहते हैं, तो आपके 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स के साथ B.S.C. या इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए.
नेवी के लिए ज्यादातर इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले छात्र अप्लाई करते हैं. CDS एग्जाम में तीन पेपर होते हैं, इंग्लिश, जनरल नॉलेज और एलिमेंट्री मैथ्स. एग्जाम के बाद SSB इंटरव्यू होता है और फिर मेडिकल टेस्ट.
जो छात्र CDS क्लियर करते हैं, उन्हें IMA (आर्मी), INA (नेवी), AFA (एयरफोर्स) या OTA (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) में भेजा जाता है. वहां लगभग 1.5 से 2 साल की ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन्हें भी लेफ्टिनेंट की पोस्ट दी जाती है.