Artillery Firing: क्या होती है आर्टिलरी फायरिंग? जिसका बॉर्डर पर इस्तेमाल कर रही पाक सेना

भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की जिसमें 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया गया. इसके बाद पाकिस्तान ने गुरुवार को LoC पर फायरिंग की.

 

भारतीय सेना पहलगाम में हुए हमले का बदला ले चुकी है. बीते 6 मई की रात सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी. जिससे पाकिस्तान में खौफ का माहौल बना हुआ है. बौखलाए पाकिस्तान ने भारतीय सीमा के पार कुछ जगहों पर आर्टिलरी फायरिंग की, जिसमें कुछ लोगों की मौत हुई. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या होती है आर्टिलरी फायरिंग.

 

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आर्टिलरी का हिंदी अर्थ होता है 'तोपखाना', यानी सेना का वह दल जो भारी हथियारों, जैसे तोपों, मोर्टार आदि से लैस होता है. इन हथियारों का उपयोग आमतौर पर युद्ध के मैदान में दूरी से दुश्मन पर हमला करने के लिए किया जाता है.  

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पाकिस्तान सेना ने 7 मई को LoC पर फायरिंग की, इसमें पुंछ, तुंगधार, सांबा, राजौर और LoC सटे दूसरे गांव शामिल हैं. जिसमें बच्चों समेत कुछ लोगों की मौत हुई है.  

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भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट की एक शाखा है, जो दुनिया की ताकतवर रेजिमेंट में से एक है. भारतीय आर्टिलरी रेजिमेंट की नींव ब्रिटिश काल में रखी गई. इसकी शुरुआत 2.5 इंच की गन से हुई थी, जो अब आधुनिक हथियारों से लैस है.  

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28 सितंबर, 1827 को बॉम्बे प्रेसीडेंसी में 5 माउंटेन बैटरी यानी भारतीय आर्टिलरी रेजिमेंट की पहली इकाई का गठन किया गया था. इस दिन 'गनर्स डे' के रूप में मनाया जाता है.  

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तोपखाने में काम करने वाले भारतीय सैनिकों को गोलंदाज कहा जाता था. उस समये बॉम्बे फुट आर्टिलरी की गोलंदाज बटालियन की 8वीं कंपनी के रूप में स्थापित की गई थी. जो आगे चलकर भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट बनी. जो अब भारतीय सेना की रीढ़ भी कहलाती है.