पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था, राजनीतिक अस्थिरता, भारत से कमजोर सेना और अंतरराष्ट्रीय समर्थन की कमी की वजह से वह भारत से युद्ध करने की हालत में नहीं है. केवल बयानबाजी से जंग नहीं लड़ी जाती, और पाकिस्तान की हालत आज जंग के काबिल बिल्कुल नहीं है.
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के कई इलाकों में ड्रोन हमले करने की कोशिश की, जिसको भारतीय सेना ने पूरी तरह से नाकाम कर दिया. ऐसे में सवाल है कि क्या सच में पाकिस्तान के पास भारत से युद्ध करने की ताकत है? सच्चाई ये है कि उसकी हालत इतनी खराब है कि वो लड़ाई तो दूर, खुद का देश भी नहीं संभाल सकता है. चलिए जानते हैं 5 ऐसे कारण जिनसे साफ होता है कि पाकिस्तान भारत से जंग नहीं कर सकता.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी संकट में है. देश पर 130 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी कर्ज है, जिसमें से ज्यादातर पैसा उसे अगले दो वर्षों में चुकाना है. सरकार की आधी कमाई केवल ब्याज चुकाने में ही खर्च हो जाती है. IMF से बेलआउट पैकेज मिलने के बावजूद, आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. ऐसे में युद्ध जैसी स्थिति पाकिस्तान के लिए महंगी साबित हो सकती है.
भारत ने पाकिस्तान पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है. पाकिस्तान से खरीद पर रोक, डाक सेवाएं बंद करना, और सिंधु जल संधि का निलंबन जैसे कदम उठाए गए हैं. सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि उसकी 95% खेती सिंधु नदी पर निर्भर है. इन हालातों में पाकिस्तान के लिए युद्ध छेड़ना मुश्किल है.
पाकिस्तान के अंदर कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. वहां की सरकार और सेना के बीच तालमेल नहीं है. राजनीतिक हालात इतने ज्यादा खराब हो चुके हैं कि खुद पाकिस्तान के लोग अपनी के सरकार से नाराज हैं. जब देश के अंदर ही हालात सही न हों, तो बाहर से लड़ाई लड़ना पाकिस्तान के लिए लगभग नामुमकिन है.
भारतीय सेना हथियार और तकनीक को मामलों में पाकिस्तान से बहुत आगे है. भारत का रक्षा बजट भी पाकिस्तान से कई गुना ज्यादा है. इसके अलावा, पाकिस्तान की सेना को अपने ही देश में आतंकवाद से भी लड़ना पड़ता है. ऐसे में वो भारत का मुकाबला नहीं कर सकती.
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन नहीं मिल रहा है. IMF और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों से खुश नहीं हैं. इसके अलावा, भारत ने दुनिया भर में पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिससे उसकी छवि और खराब हुई है. ऐसे में पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय समर्थन के बिना युद्ध लड़ना बेहद मुश्किल है.