RAF यानी रैपिड एक्शन फोर्स, दंगों और भीड़ नियंत्रण के लिए खास ट्रेन की गई CRPF की यूनिट है. इनकी फाइबरग्लास लाठी बेहद मजबूत और हल्की होती है, जिससे ये लाठीचार्ज में बेहद असरदार साबित होते हैं. सुरक्षा और अनुशासन के साथ RAF हर मिशन में पूरी ताकत से डटी रहती है.
जब भी कहीं दंगे या बड़ी भीड़ को कंट्रोल करना होता है, तो RAF यानी रैपिड एक्शन फोर्स नाम सबसे आगे आता है. यह फोर्स अपने खास हथियारों और ट्रेनिंग की वजह से जानी जाती है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में जो चीज रहती है, वो है इनकी लाठी. चलिए जानते हैं क्या खास है इस लाठी में और क्यों इसे सबसे खतरनाक कहा जाता है.
RAF यानी रैपिड एक्शन फोर्स, CRPF की एक स्पेशल यूनिट है. इसका गठन 1992 में किया गया था ताकि दंगे, हिंसक भीड़ और कानून व्यवस्था से जुड़ी गंभीर स्थिति को तेजी से संभाला जा सके. RAF के जवान खास ट्रेनिंग लेते हैं और मॉडर्न इक्विपमेंट के साथ मैदान में उतरते हैं.
RAF की लाठी आम पुलिस की लाठी से बिलकुल अलग होती है. ये फाइबरग्लास से बनी होती है, जो ना सिर्फ हल्की होती है बल्कि बहुत मजबूत भी होती है. ये लाठी इतनी ताकतवर होती है कि इससे एक ही वार में सामने वाले को जमीन पर गिराया जा सकता है.
RAF के जवानों को भीड़ को कंट्रोल करने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है. जब ये लाठीचार्ज करते हैं तो पूरी लाइन में एक साथ आगे बढ़ते हैं. इनकी तकनीक और लाठी का सही इस्तेमाल, किसी भी हालात को काबू में करने में मदद करता है. इसलिए RAF का लाठीचार्ज सबसे असरदार माना जाता है.
RAF सिर्फ हमला करने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखती है. इनके पास हेलमेट, शील्ड और बॉडी गियर होते हैं, जिससे वो खुद को भी बचा सकें. ये फोर्स हर स्थिति में खुद को सुरक्षित रखते हुए भीड़ को नियंत्रित करती है.
RAF के जवानों को हर वक्त अलर्ट मोड में रहना होता है. इन्हें कभी भी, कहीं भी भेजा जा सकता है. चाहे कोई दंगा हो या कोई बड़ा इवेंट, RAF की मौजूदगी से माहौल में एक सख्ती आ जाती है और लोग संयम में आ जाते हैं.