Star-Forming Cloud: जेम्स वेब टेलीस्कोप ने हमारी आकाशगंगा के बीच में मौजूद सबसे बड़े और एक्टिव स्टार-फॉर्मिंग क्लाउड Sagittarius B2 की आकर्षक तस्वीरों को खींचा है. इसमें लाखों नए तारों के बनने की क्षमता है और वैज्ञानिक इसके रहस्य जानने में लगे हुए हैं.
James Webb Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने हाल ही में ऐसी तस्वीरें खींची हैं, जिनमें मिल्की वे गैलेक्सी का सबसे बड़ा और सक्रिय स्टार-फॉर्मिंग क्लाउड साफ-साफ दिखाई दे रहा है. बता दें कि इसे Sagittarius B2 कहा जाता है और यह हमारी आकाशगंगा के केंद्र के नजदीक स्थित है.
Sagittarius B2 हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल (Sagittarius A) से लगभग 390 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. यह एक विशाल गैस का बादल है जिसकी चौड़ाई करीब 150 प्रकाश वर्ष बताई गई है.
इस क्लाउड में इतनी गैस और मटेरियल मौजूद है कि यह लगभग 30 लाख सूरज जितने बड़े तारों को बना सकता है. हैरानी की बात है कि यह क्लाउड वहां मौजूद गैस का सिर्फ 10% हिस्सा है, लेकिन नई तारों की आधी संख्या इसी से बन रही है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि मिल्की वे के केंद्र में ज्यादातर जगहें शांत रहती हैं, हालांकि Sagittarius B2 में तेजी से नए तारे जन्म ले रहे हैं. इस रहस्य को समझना खगोल विज्ञान के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.
JWST ने दो अलग-अलग इंफ्रारेड तरंगों में तस्वीरें खींची हैं. जो NIRCam से हैं, इसने छोटे इन्फ्रारेड तरंगों की मदद से हजारों युवा तारे और गैस के चमकते बादल दिखाए हैं. MIRI ने और गहराई में जाकर घने धूल भरे बादलों के भीतर छिपे नए तारों की तस्वीरों को खींचा है.
एक थ्योरी यह बताती है कि गैलेक्सी के केंद्र में मौजूद मजबूत मैग्नेटिक फील्ड तारे बनने की प्रक्रिया को तेज कर देता है. हालांकि यह पूरी तरह कैसे काम करता है यह अभी भी किसी रहस्य की तरह बना हुआ है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि Sagittarius B2 को समझ करके उन्हें शुरुआती ब्रह्मांड को समझने में मदद मिल सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी स्थिति बिग बैंग के तुरंत बाद वाले दौर जैसी ही है, जब पहली बार तारे बनने शुरू हुए थे.