ये है भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन, कभी सुभाष चंद्र बोस और गांधी जी करते थे यात्रा

भारत दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है. यही वजह है कि पूरे देश में रेल नेटवर्क का जाल बिछा हुआ है. ऐसे में कुछ ऐसे भी स्टेशन हैं, जो भारत के आखिरी स्टेशन कहलात हैं. आइए उन रेलवे स्टेशनों का नाम जानते हैं.

भारत का रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जो 68,000 किलोमीटर से अधिक दूरी को कवर करता है और 7,000 से अधिक स्टेशनों को जोड़ता है. भारत में रेल नेटवर्क यातायात का सबसे बड़ा साधन भी है. लेकिन जब बात ‘आखिरी रेलवे स्टेशन’ की आती है, तो यह संदर्भ भौगोलिक दिशाओं उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम की तरह देखा जाता है. वहीं, अगर केवल आखिरी रेलवे स्टेशन की बात की जाए तो यह भारत के पूर्व में स्थित है.

1 /7

भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन सिंहाबाद है, जो पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के हबीबपुर क्षेत्र में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित है. यह स्टेशन इसलिए खास है, क्योंकि इसके बाद रेल पटरियां बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करती हैं. सिंहाबाद भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसा एक अनूठा रेलवे स्टेशन है, जो देश के रेल इतिहास और पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक संबंधों का प्रतीक है.

2 /7

सिंहाबाद रेलवे स्टेशन ब्रिटिश काल में स्थापित हुआ था और कभी कोलकाता-ढाका रेल मार्ग का महत्वपूर्ण हिस्सा था. नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्व इस स्टेशन से होकर गुजरे. 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के बाद इसकी भूमिका बदल गई. इससे पहले बड़ी संख्या में लोग इस स्टेशन से होकर गुजरते थे. वहीं, 1978 के समझौते के तहत यह मालगाड़ियों के लिए ट्रांजिट पॉइंट बन गया, और 2011 में नेपाल के लिए भी ट्रांजिट शुरू हुआ.

3 /7

आज सिंहाबाद पर यात्री ट्रेनें नहीं रुकतीं. यह स्टेशन मुख्य रूप से मालगाड़ियों के लिए ट्रांजिट पॉइंट के रूप में उपयोग होता है. 1978 के भारत-बांग्लादेश समझौते के तहत यह माल परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है, और 2011 से नेपाल के लिए भी ट्रांजिट सुविधा शुरू हुई. स्टेशन की औपनिवेशिक संरचना और पुराने उपकरण अब भी अतीत की याद दिलाते हैं, लेकिन यह अब एक शांत स्मारक की तरह है.

4 /7

जम्मू-कश्मीर स्थित बारामूला रेलवे स्टेशन, भारत का सबसे आखिरी उत्तरी रेलवे स्टेशन है. यह जम्मू-बारामूला रेल लाइन का हिस्सा है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. इतना ही नहीं, यह स्टेशन सामरिक और पर्यटन दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. कश्मीर घाटी की खूबसूरती को देखने के लिए पर्यटक इस रेल मार्ग का उपयोग करते हैं. जम्मू-कश्मीर को रेल नेटवर्क से जोड़ने की यह परियोजना चुनौतीपूर्ण रही, जिसमें कई सुरंगें और पुल शामिल हैं. फिर भी भारत की कमाल की इंजीनियरिंग ने इस मुकाम को हासिल कर लिया.

5 /7

तमिलनाडु स्थित कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन, भारत का सबसे आखिरी दक्षिणी रेलवे स्टेशन है. यह हिंद महासागर के तट पर बसा है, जहां तीन समुद्र, हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर मिलते हैं. यह स्टेशन भी पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्ध है, क्योंकि कन्याकुमारी मंदिर, विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तिरुवल्लुवर प्रतिमा जैसे आकर्षण इसके बेहद नजदीक हैं. यह स्टेशन लंबी दूरी की ट्रेनों, जैसे विवेक एक्सप्रेस का अंतिम पड़ाव है. जो डिब्रूगढ़ से चलकर कन्याकुमारी पहुंचती है.

6 /7

असम के तिनसुकिया जिले में स्थित लीडो रेलवे स्टेशन, भारत का सबसे आखिरी पूर्वी रेलवे स्टेशन है. यह लमडिंग-डिब्रूगढ़ रेल नेटवर्क पर स्थित है. लीडो कभी स्टिलवेल रोड (1942-45 में निर्मित, जो बर्मा और चीन को जोड़ता था) का शुरुआती बिंदु था. पहले यह स्थान लेक्खापानी स्टेशन के पास था, लेकिन 1997 में गेज परिवर्तन के बाद लेडो पूर्वी सीमा पर स्थित अंतिम रेलवे स्टेशन बन गया. यह स्टेशन कोयला परिवहन के लिए भी महत्वपूर्ण रहा है.

7 /7

गुजरात के कच्छ जिले में स्थित नलिया रेलवे स्टेशन, भारत का सबसे आखिरी पश्चिमी रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन कच्छ के सुदूर क्षेत्रों को जोड़ता है और सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. नलिया के पास भारतीय वायुसेना का एयरबेस भी है, जो इसे रक्षा के लिहाज से और खास बनाता है