भारत में सबसे अधिक मंदिरों वाला राज्य दक्षिण भारत में है, जिसे ‘मंदिरों की भूमि’ के रूप में भी जाना जाता है. 2022 की एक सर्वे के अनुसार, इस राज्यों में कई लाख हिंदू मंदिर हैं, जो किसी भी अन्य भारतीय राज्य से अधिक है.
Most temples in India state: भारत का इतिहास बेहद गौरवशाली व प्राचीन है. जहां पर हजारों साल पहले कई मानव सभ्यताएं बसीं. वक्त के साथ कई इमारत और किलों का भी निर्माण किया गया. इन्हीं कड़ी में हिंदू मंदिरों की भी स्थापना की गई. जिनकी नींव आज से हजारों साल पहले रखी गई. वे आज भी पूरी तरह सुरक्षित हैं. हिंदू मंदिरों की बनावट आधुनिक इंजीनियरिंग के लिए भी आश्चर्य है. ऐसे में अगर भारत में सबसे अधिक हिंदू मंदिरों की बात की जाए तो यह भारत के दक्षिण भारत में स्थित एक राज्य है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि तमिलनाडु में सौ या हजार नहीं, बल्कि लाखों की संख्या में मदिर हैं. तमिलनाडु हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड के मुताबिक, यहां करीब 390,615 मंदिर हैं. भारत के अधिकांश सबसे बड़े हिंदू मंदिर यहीं स्थित हैं. यह मंदिर केवल पूजा के लिहाज से ही नहीं बल्कि अपनी इंजीनियरिंग के लिए भी जाने जाते हैं. इन मंदिरों की जटिल वास्तुकला, कई प्रकार की मूर्तियों और समृद्ध शिलालेखों से सुसज्जित, मंदिर तमिलनाडु की संस्कृति और विरासत का हिस्सा हैं. यहां कई ऐतिहासिक अभिलेख भी मिले हैं. जो करीब 3,000 साल पुराने हैं.
तमिलनाडु का इतिहास बेहद पुराना और हिंदू संस्कृति से जुड़ा है. तमिलनाडु में चोल, पल्लव और पांड्य जैसे राजवंशों ने सैकड़ों वर्षों तक राज किया. और हजारों की संख्या में हिंदू मंदिर बनवाए. इन मंदिरों में द्रविड़ वास्तुकला की उत्कृष्ट झलक दिखती है, जैसे विशाल गोपुरम (प्रवेश द्वार) और जटिल नक्काशी. यह कला दुनिया भर में मशहूर है. जिसे हिंदू संस्कृत्ति का अभिन्न हिस्सा माना जाता है.
तमिलनाडु में हजारों की संख्या में प्राचीन मंदिर हैं. कुछ सैकड़ों साल तो कुछ हजारों साल पुराने हैं. तमिलनाडु में बृहदेश्वर मंदिर (थंजावुर), मीनाक्षी मंदिर (मदुरै), रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम), और श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर (श्रीरंगम) जैसे विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं. ये मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं.
तमिलनाडु हिंदू धर्मावलंबियों के लिए 390,615 से अधिक मंदिरों का घर है. जो बतौर पुजारी मंदिरों की सेवा कर रहे हैं. जिनमें भगवान शिव, विष्णु, मुरुगन और अन्य देवताओं को समर्पित मंदिर शामिल हैं. यहां के मंदिरों में प्राचीन वास्तुकला, शिलालेख और तीर्थटंक (पवित्र जलाशय) देखने को मिलते हैं. वहीं इन मंदिरों का सांस्कृतिक रूप से काफी महत्व भी है. ये मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और प्राचीन लोकतांत्रिक व्यवस्था, जैसे चोल काल का कुडावोलाई मतदान सिस्टम के प्रतीक हैं.
वहीं भारत में तमिलनाडु के अलावा अन्य राज्यों की तुलना की जाए, तो यहां भी कई हजार की संख्या में मंदिर हैं. जहां महाराष्ट्र में मंदिरों की संख्या 77,283 है, तो वहीं कर्नाटक में 61,000 के करीब मंदिर हैं. इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल में भी करीब 53,500 मंदिर हैं. हालांकि तमिलनाडु में मंदिरों की विशाल संख्या और सांस्कृतिक समृद्धि इसे शीर्ष पर रखती है.
तमिलनाडु न केवल मंदिरों की संख्या में, बल्कि उनकी भव्यता, ऐतिहासिक महत्व और तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण में भी अग्रणी है. यह राज्य भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है. दुनिया भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां मंदिरों के दर्शन करने पहुंचते हैं. कई मंदिरों में प्रवेश के लिए पारंपरिक कपड़ा पहनना अनिवार्य है.