Oldest Airlines in India: भारत में हवाई यात्रा की शुरुआत आज से कई दशक पहले हुई थी. कुछ खास एयरलाइंस ने इसकी नींव रखी और देश को एक-दूसरे से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई. इन कंपनियों ने भारत में एविएशन सेक्टर को पहचान दिलाई और आम लोगों के लिए हवाई सफर को आसान बनाया.
Oldest Airlines in India: आज भारत में हवाई यात्रा आम बात हो गई है. लोग आसानी से कुछ ही घंटों में एक शहर से दूसरे शहर या देश तक पहुंच जाते हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब हवाई सफर बहुत सीमित और महंगा होता था. केवल कुछ खास लोग ही विमान से सफर कर पाते थे.
भारत में हवाई यात्रा की शुरुआत 20वीं सदी के मध्य में हुई थी. कुछ चुनिंदा एयरलाइंस ने अपने प्रयासों से देश को हवाई नेटवर्क से जोड़ा. इन एयरलाइंस ने ना केवल सफर को आसान बनाया, बल्कि व्यापार, टूरिज्म और देश की तरक्की में भी बड़ी भूमिका निभाई. आइए जानते हैं भारत की 5 सबसे पुरानी एयरलाइंस के बारे में, जिन्होंने इसकी बुनियाद रखी.
एयर इंडिया भारत की सबसे पहली और सबसे पुरानी एयरलाइन है. इसकी शुरुआत 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से हुई थी. जे.आर.डी. टाटा ने इसे शुरू किया था. 1946 में इसका नाम बदलकर एयर इंडिया रखा गया. यह भारत की पहली एयरलाइन थी, जिसने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कीं. आज एयर इंडिया सरकार के अधीन है और देश-विदेश के कई शहरों तक अपनी सेवा देती है.
डेक्कन एयरवेज की स्थापना 1945 में हैदराबाद के निजाम और टाटा ग्रुप की साझेदारी में हुई थी. यह एयरलाइन दक्षिण भारत के कई शहरों को जोड़ती थी. 1953 में जब भारत सरकार ने एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण किया, तब डेक्कन एयरवेज को इंडियन एयरलाइंस में मिला दिया गया. यह भारत की शुरुआती घरेलू उड़ान सेवाओं में से एक थी.
1993 में शुरू हुई जेट एयरवेज भारत की पहली बड़ी निजी एयरलाइन बनी. इसने यात्रियों को आरामदायक और बेहतर सेवा दी. कुछ ही वर्षों में यह देश की सबसे भरोसेमंद एयरलाइंस में गिनी जाने लगी. हालांकि, 2019 में इसे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा और इसकी उड़ानें बंद हो गईं. अब इसे फिर से शुरू करने की कोशिश की जा रही है.
JetLite की शुरुआत Sahara Airlines के रूप में 1993 में हुई थी. 2007 में Jet Airways ने इसे खरीदकर JetLite नाम दिया. यह एक कम बजट वाली घरेलू एयरलाइन थी, जो मध्यम वर्ग के लिए किफायती हवाई सफर लेकर आई. बाद में इसे Jet Airways में मिला दिया गया. इसकी सेवाएं सीमित रहीं, लेकिन इसका योगदान अहम रहा.
मोदीलुफ्त की शुरुआत 1993 में हुई थी. यह भारतीय उद्योगपति एस.के. मोदी और जर्मन कंपनी Lufthansa की साझेदारी में शुरू हुई थी. इसने भारत में आधुनिक सेवाओं और तकनीक की शुरुआत की. हालांकि, साझेदारी में मतभेद के चलते यह एयरलाइन कुछ सालों बाद बंद हो गई, लेकिन इसने विदेशी कंपनियों के साथ एयरलाइंस सेक्टर में साझेदारी की मिसाल पेश की.
1953 में भारत सरकार ने एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण कर दिया और कई निजी एयरलाइनों को मिलाकर इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया बनाई गईं लेकिन 1990 के बाद, जब देश में आर्थिक सुधार हुए, तो निजी एयरलाइंस ने एक बार फिर उड़ान भरनी शुरू की. इससे हवाई सफर आम लोगों के लिए भी आसान हो गया.