ये हैं भारत के 5 सबसे पुराने रेलवे स्टेशन, एक तो 170 साल से भी ज्यादा पुराना!

भारत में रेलवे की शुरुआत 1853 में हुई थी और तब से कई ऐतिहासिक स्टेशन बने, जो आज भी सक्रिय हैं. रोयापुरम, हावड़ा, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, कानपुर सेंट्रल और प्रयागराज जंक्शन जैसे स्टेशन भारत की रेल विरासत का प्रतीक हैं और इनका ऐतिहासिक महत्व बेहद खास है.

भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्क में से एक है. इसकी शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी और तब से यह देश की जीवनरेखा बन चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कुछ रेलवे स्टेशन ऐसे भी हैं, जो 150 साल से ज्यादा पुराने हैं? इन स्टेशनों ने ना सिर्फ समय के साथ खुद को बदला, बल्कि भारतीय रेल के इतिहास की नींव भी रखी. आइए जानते हैं भारत के 5 सबसे पुराने और ऐतिहासिक रेलवे स्टेशनों के बारे में, जो आज भी गर्व से खड़े हैं और अतीत की कहानियां सुनाते हैं.

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मुंबई में स्थित 'छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस', जिसे पहले 'विक्टोरिया टर्मिनस' के नाम से जाना जाता था, भारत का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है. इसे साल 1853 में बनवाया गया था और यह स्टेशन ब्रिटिश शासन के समय का एक शानदार उदाहरण है. गोथिक शैली में बनी यह इमारत यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित की जा चुकी है. यहां से मुंबई और देश के कई प्रमुख शहरों के लिए रेलगाड़ियां चलती हैं. यह स्टेशन आज भी अपनी खूबसूरती और व्यस्तता के लिए प्रसिद्ध है.

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हावड़ा जंक्शन कोलकाता का मुख्य रेलवे स्टेशन है और इसे 1854 में शुरू किया गया था. यह भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन भी माना जाता है. यहां से प्रतिदिन हजारों यात्री सफर करते हैं. हावड़ा ब्रिज के पास स्थित यह स्टेशन पूर्वी भारत के रेल नेटवर्क का प्रमुख केंद्र है और ऐतिहासिक दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है.

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रोयापुरम रेलवे स्टेशन भारत का सबसे पुराना चालू रेलवे स्टेशन है, जिसकी शुरुआत 28 जून 1856 को हुई थी. यह दक्षिण भारत का पहला रेलवे स्टेशन था और आज भी अपनी पुरानी वास्तुकला और इतिहास के लिए जाना जाता है. हालांकि, अब यहां से सीमित ट्रेनें चलती हैं, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व कम नहीं हुआ है.

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कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन की स्थापना 1859 में हुई थी. यह स्टेशन उत्तर भारत के सबसे प्रमुख स्टेशनों में से एक है. शुरू में यह एक छोटे प्लेटफॉर्म के साथ बना था, लेकिन समय के साथ यह एक विशाल जंक्शन में बदल गया. आज यह स्टेशन उत्तर प्रदेश का एक बड़ा ट्रांसपोर्ट हब है और देश के कई हिस्सों से जुड़ा हुआ है.

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इलाहाबाद रेलवे स्टेशन की शुरुआत 1859 में हुई थी. हाल ही में इसका नाम बदलकर 'प्रयागराज जंक्शन' कर दिया गया है. यह स्टेशन भी भारत के सबसे पुराने स्टेशनों में गिना जाता है. यहां से कई ऐतिहासिक रेल यात्राओं की शुरुआत हुई थी. कुंभ मेले के दौरान यह स्टेशन लाखों यात्रियों की मेजबानी करता है.

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इन सभी रेलवे स्टेशनों ने भारतीय रेल की नींव रखी और समय के साथ खुद को आधुनिक भी बनाया. इनके प्लेटफॉर्म, इमारतें और गलियारे आज भी उस दौर की झलक दिखाते हैं, जब भारत में ट्रेन चलना एक नई क्रांति थी. कई स्टेशनों को बाद में रिनोवेट के जरिए और बेहतर बनाया गया है, लेकिन उनका ऐतिहासिक महत्व आज भी कायम है.

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आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत की पहली यात्री ट्रेन भी इन्हीं पुराने स्टेशनों में से एक से चली थी. मुंबई से ठाणे के बीच 1853 में पहली ट्रेन चली थी, जो भारतीय रेलवे के इतिहास की शुरुआत मानी जाती है. इसके बाद तेजी से रेलवे का विस्तार हुआ और इन स्टेशनों ने उसका आधार तैयार किया.