जिनपिंग-किम जोंग के इरादों पर फिरा पानी! ट्रंप-मस्क बना रहे ऐसा अभेद्य किला, दुश्मन नहीं कर पाएगा US पर मिसाइल अटैक

Golden Dome Missile Shield: अमेरिका ने 'गोल्डेन डोम' नामक एक नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम बनाने का फैसला किया है, जिसे एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स द्वारा बनाया जाएगा. यह सिस्टम हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोन हमलों से रक्षा करेगा. गोल्डेन डोम 2030 तक तैयार हो जाएगा और शुरुआत में व्हाइट हाउस और पेंटागन की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होगा.

Golden Dome Missile Shield: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई मिसाइल डिफेंस प्रणाली बनाने का फैसला किया है, जिसे 'गोल्डेन डोम' कहा जाएगा. यह सिस्टम अमेरिका को हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोन हमलों से बचाने के लिए बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को दी गई है. यह अमेरिका की सुरक्षा को और भी मजबूत करेगा.

 

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ट्रंप का मानना है कि अमेरिका को मिसाइल हमलों से बचाने के लिए एक मजबूत रक्षा प्रणाली चाहिए. इसके लिए गोल्डेन डोम सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स मदद करेगी. इसके अलावा, दो और कंपनियां, पलांटिर और एंडुरिल भी इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं. यह सिस्टम अमेरिका को भविष्य के खतरों से बचाने के लिए डिजाइन किया जा रहा है.

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इजरायल का आयरन डोम केवल उन मिसाइलों को रोकता है जो सीधे खतरा पैदा करती हैं, जबकि गोल्डेन डोम हर तरह की मिसाइल को रोकने की ताकत रखेगा. चाहे मिसाइल खतरनाक हो या नहीं, यह सिस्टम उसे पहचानकर खत्म कर देगा. यह आयरन डोम से अलग और ज्यादा ताकतवर होगा.

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स्पेसएक्स को गोल्डेन डोम के लिए 1000 से ज्यादा सैटेलाइट्स बनाने का काम सौंपा गया है. ये सैटेलाइट्स अमेरिका के आस-पास घूमते हुए किसी भी खतरे को पहचानने और उसे नष्ट करने का काम करेंगी. इसके अलावा, 200 सैटेलाइट्स में मिसाइलों और लेजर हथियार होंगे, जो दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही गिरा देंगे.

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स्पेसएक्स का कहना है कि गोल्डेन डोम 2030 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. शुरुआत में इसे व्हाइट हाउस और पेंटागन जैसी अहम जगहों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की शुरुआती इंजीनियरिंग और डिजाइन पर लगभग 6 से 10 अरब डॉलर खर्च हो सकते हैं.

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गोल्डेन डोम अमेरिका की सुरक्षा को और मजबूत करेगा, खासकर जब चीन और रूस जैसे देशों के पास हाइपरसोनिक मिसाइलें और एडवांस ड्रोन्स हैं. यह प्रोजेक्ट अमेरिका को भविष्य के खतरों से बचाने के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करेगा और अन्य देशों के साथ भी साझेदारी की संभावना बढे़गी.