हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़े तनाव के बाद से बलूचिस्तान काफी चर्चा में है. बलूचिस्तान आर्मी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर हिंगलाज माता हिंदू मंदिर को लेकर जानकारी साझा करते हुए बड़ी घोषणा की है.
बलूचिस्तान पाकिस्तान का एक प्रांत है, जो लंबे समय में पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहा है. बलूचिस्तान ने भारत से भी मदद की गुहार लगाई है. हालांकि बुधवार को बलूच नेता मीर यार बलूच सोशल मीडिया हेंडल 'एक्स' पर ट्वीट कर पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान किया है. साथ ही बलूचिस्तान ने हिंगलाज माता हिंदू मंदिर को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है, आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला...
बलूचिस्तान ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा है कि बलूचिस्तान और पाकिस्तान एक नहीं है. साथ ही आगे कहा है कि बलूचिस्तान भी भारत और अन्य देशों की ही तरह आतंकवाद का समर्थन नहीं करता है.
बलूचिस्तान ने 16 मई को हिंगलाज माता मंदिर को लेकर जल्द ही इस मंदिर का भव्य तरीके से पुनर्निर्माण करने की बड़ी घोषणा की है. साथ ही आगे कहा है कि बलूचिस्तान और भारत एक ही हैं, उनके देवी-देवता हमारे भी देवी देवता हैं.
हिंगलाज माता मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के हिंगलाज में हिंगोल नदी के तट पर स्थित है. यह हिंदू देवी सती को समर्पित 51 शक्तिपीठों में से एक है.
हिंगलाज में स्थित देवी को हिंगलाज देवी या हिंगुला देवी भी कहते हैं. साथ ही इस मंदिर को 'नानी मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है. पिछले कुछ समय से इस मंदिर को काफी लोकप्रियता मिली है, साथ ही यह पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए भी आस्था का केंद्र बन गया है.
पौराणिक कथा के अनुसार माता सती के दाह के बाद जब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे, तब उनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र चलाकर माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए. वे टुकड़े अलग-अलग जगहों पर गिरे थें. मान्यताओं के अनुसार हिंगलाज माता मंदिर में देवी सती का सिर गिरा था.