कौन है इंडियन आर्मी की सबसे पहली महिला ऑफिसर? जानें कैसे बनीं महिलाओं की इंस्पिरेशन

ऑपरेशन सिंदूर की के बारे में बताने के लिए इंडियन आर्मी ने दो महिला अफसर को चुना. यह चुनाव एक बहुत बड़ी मिसाल देता है. ऐसे में ये महिलाएं आगे आने वाली पीढ़ी के लिए न केवल नए रास्ते खोलती हैं, बल्कि कुछ कर गुजरने का जुनून भी देती हैं.

 

आज के समय में महिलाओं को लेकर धारनाएं थोड़ी बदली हैं लेकिन पहले के समय में महिलाओं के लिए रास्ते अधिक कठिन होते थे, पर वो कहते हैं न... 'करने वाला कर गुजरता है, चाहे कितनी भी बंदिशे हों'. इसी प्रकार, भारतीय महिलाएं बिना रुके नए मुकाम हासिल कर रही हैं. ऐसे में भारत की पहली महिला आर्मी अफसर के बारे में जानते हैं.

 

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देश की पहली इंडियन आर्मी ऑफिसर मेजर प्रिया झिंगन हैं. उनका जन्म हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में हुआ था. मेजर प्रिया के पिता एक पुलिस अफसर थें, जिस कारण उनके घर का माहौल बचपन से ही अनुशासित था.  

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ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (चेन्नई) में लॉ ग्रेजुएट के लिए सीट रिजर्व रखी गई थी. जहां प्रिया झिंगन टेस्ट को पास करते हुए कैडेट 001 बन गईं. उनके साथ अन्य 24 महिलाओं का भी ऑफिसर रैंक पर सलेक्शन हुआ. प्रिया झिंगन को OTA में सिल्वर मेडल मिला था.

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ट्रेनिंग के समय पर कठिन अनुशासन, लंबी दौड़, भारी हथियारों के साथ अभ्यास होता है. इस कठिन और चुनौतीपूर्ण ट्रेनिंग से तो लड़को के भी पसीने छूट जाते हैं लेकिन देश की इस बेटी ने कभी हार नहीं मानी और आगे बढ़ती गई.  

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मेजर प्रिया झिंगन ने भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल(JAG) ब्रांच में 10 सालों तक सेवा दी. इस दौरान उन्होंने कई खास मामलों को संभाला और सैनिकों को लॉ प्रोसेस की ट्रेनिंग दी. साल 2002 में उन्होंने अपने सैन्य जीवन को पूरा किया.  

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सेना के अलावा अगर अन्य क्षेत्रों की बात की जाए, तो वहां भी भारतीय महिलाओं की तूती बोलती है. भारत में इंदिरा गांधी जैसी ताकतवर महिला प्रधानमंत्री रह चुकी हैं. अंतरिक्ष में पहुंचकर कल्पना चावला ने दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया था. वहीं, खेल की दुनिया में मैरी कॉम, साइना नेहवाल, पीटी उषा जैसे नाम विश्व भर में प्रख्यात हैं.