Women in Indian Air Force: भारतीय वायु सेना का इतिहास बेहद पुराना है. आज वायु सेना में हमें बहुत सी महिलाएं लड़ाकू विमान उड़ाकर देश की सुरक्षा में अपना योगदान देती हुई दिखती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय वायु सेना में महिलाओं को कब शामिल किया गया था?
Women in Indian Air Force: हर साल भारत में 8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस मनाया जात है. देश की सुरक्षा में आज महिलाएं भी अपना योगदान दे रही हैं. हमें कई युद्धों में वायु सेना में शामिल महिलाओं की बहादुरी देखने को मिली है. इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि भारतीय वायु सेना में महिलाओं को कब शामिल किया गया था.
भारतीय वायु सेना में शुरुआती दौर में सिर्फ पुरुष ही शामिल हुआ करते थे. लेकिन साल 1992 में औपचारिक रूप से वायु सेना में महिलाओं को शामिल किया गया था. भारत सरकार ने महिलाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के तहत यह अनुमति दी थी.
महिलाओं की भर्ती के बाद शुरुआत में उन्हें सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी और एडमिनिस्ट्रेटिव ब्रांच में भर्ती किया गया था. जिसके बाद साल 1994 में पहली बार महिलाओं को ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर पायलट बनने की अनुमति मिली थी.
साल 2015-16 में महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ आया था. जब महिलाओं को लड़ाकू विमान उड़ाने की परमिशन मिली थी. जिसके बाद 2016 में भारतीय वायु सेना में 3 महिला लड़ाकू पायलटों का पहला बैच शामिल हुआ जिसमें अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह शामिल थीं.
महिलाओं के वायु सेना में शामिल होने के बाद नया उत्साह और जोश आ गया. इस कदम के बाद युवा पीढ़ी के अंदर सैन्य सेवाओं और देश के रक्षा बलों में शामिल होने का विश्वास बढ़ा. जिससे भारत की सेना में काफी मजबूती आ गई.
महिलाओं के वायु सेना में शामिल होने के बाद भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में आ गया, जो महिलाओं को अपनी सेना में एक फाइटर के रूप में शामिल करते थे. वायु सेना में महिलाओं की एंट्री के बाद पूरे विश्व में भारत का नाम समानता की करने वाले देशों में आ गया.
आज के दौर में महिलाएं लगातार वायु सेना में अपनी भूमिका निभा रही हैं. देश की सुरक्षा के लिए हो रहे युद्धों में हमेशा शामिल रहती हैं. आज वायु सेना में एयर ट्रैफिक कंट्रोल, इंजीनियरिंग, साइबर यूनिट और लॉजिस्टिक्स जैसे तकनीकी विभागों में भी महिलाएं लगातार आगे रहकर देश के लिए काम कर रही हैं.