भाजपा का मास्टर-स्ट्रोक, 'ईस्ट बंगाल' से 'वेस्ट बंगाल' के मतुआ मतदाताओं को साधेंगे पीएम मोदी

राजनीति में परिस्थितियों, कार्यक्रमों और घटनाओं का सियासी लाभ कैसे लेना चाहिये, ये भाजपा और पीएम मोदी से बेहतर कोई नहीं जानता.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 6, 2021, 03:43 PM IST
  • बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे PM
  • बंगाल के मतुआ मतदाताओं को साधेंगे पीएम मोदी
भाजपा का मास्टर-स्ट्रोक, 'ईस्ट बंगाल' से 'वेस्ट बंगाल' के मतुआ मतदाताओं को साधेंगे पीएम मोदी

कोलकाता: बंगाल चुनाव में इस बार मां, माटी, मानुष का नारा सुनने को नहीं मिलेगा बल्कि इस बार ममता,मतुआ और मोदी मैजिक देखने को मिलेगा. पीएम मोदी इस बार बंगाल की धरती से नहीं बल्कि बांग्लादेश की धरती से 'बंगाल' को साधेंगे. 26 मार्च को होने वाली PM मोदी की इस गेमचेंजर उड़ान से दीदी अभी से परेशान हैं क्योंकि सवाल उस किंगमेकर मतुआ वोट बैंक का है जो दीदी के हाथ से फिसलकर मोदी के साथ जा रहा है. और 27 मार्च को ये वोटबैंक पूरी तरफ से दीदी के हाथ से फिसल जाएगा.

अब बांग्लादेश से 'बंगाल' को कैसे साधेंगे मोदी ?

आपको बता दें कि बंगाल चुनाव की सरगर्मियां चरम पर हैं. पीएम मोदी भी चुनावी रण में जल्द उतरने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी 26-27 मार्च को बांग्लादेश की यात्रा पर जाने वाले हैं. वहां से वे मतुआ समाज को साधने की कोशिश कर सकते हैं. लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या इस बार पीएम बांग्लादेश से बंगाल चुनाव में वोटरों को साधने की कोशिश करने वाले हैं.

बांग्लादेश के ओरकांडी का बंगाल के ठाकुरनगर से कनेक्शन 

आपको बता दें कि बांग्लादेश का ओरकांडी हरिचंद्र ठाकुर की जन्मस्थली है. मतुआ समाज में हरिचंद्र ठाकुर को भगवान की तरह पूजा जाता है. भारत पाकिस्तान बंटवारे के बाद हरिचंद्र ठाकुर का परिवार भारत आ गया. हरिचंद्र ठाकुर का परिवार पश्चिम बंगाल में रहने लगा और बाद में मतुआ संप्रदाय का जिम्मा हरिचंद्र ठाकुर के परपोते प्रथम रंजन ठाकुर ने संभाला.

पहली बार रंजन ठाकुर की पत्नी बीणापाणि देवी को मतुआ माता या बोरो मां कहा जाने लगा. बोरो मां का मतलब है बड़ी मां. बोरो मां ने बांग्लादेश के बॉर्डर पर ठाकुरगंज नाम से एक बस्ती बसाई और ठाकुरगंज गंज में हरिचंद ठाकुर का भव्य मंदिर बनाया गया. ठाकुरगंज मंदिर में भी मतुआ समाज की आस्था ओरकांडी जैसी ही है . 

ओराकंडी मंदिर जा सकते हैं पीएम मोदी

अगर पीएम मोदी ओराकंडी मंदिर में जाकर मत्था टेकते हैं तो ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे. राजनीति के जानकार मानते हैं पीएम मोदी बांग्लादेश में मतुआ समुदाय की नब्ज छूकर बंगाल में मतुआ समाज का वोट बीजेपी में कनवर्ट करा सकते हैं.

26-27 मार्च को बांग्लादेश जा रहे हैं पीएम मोदी 

गौरतलब है कि बंगाल में चुनावी घमासान के बीच पीएम मोदी 26-27 मार्च को बांग्ला देश की यात्रा पर जा रहे हैं. कोविड महामारी के बाद पीएम का ये पहला विदेश दौरा है. अपने दौरे में मोदी मतुआ समाज के धर्म स्थलों में भी जाएंगे. इसमें मतुआ समुदाय के धर्मगुरु हरिचंद्र ठाकुर की जन्मस्थली भी शामिल है. 

बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे PM

बांग्लादेश के गठन के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित भव्य समारोह में हिस्सा लेने पीएम मोदी बांग्लादेश जा रहे है. इस दौरान पीएम मोदी शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा भी करेंगे और भारत की मदद से वहां शुरू होने वाली नई परियोजनाओं का ऐलान भी करेंगे.ॉ

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आपको बता दें कि कोरोना काल के बाद पीएम मोदी की ये पहली विदेश यात्रा है. पश्चिम बंगाल में चुनाव के बीच पीएम की बांग्लादेश यात्रा कई मायने में खास है. 27 मार्च को पीएम बांग्लादेश में मतुआ समाज के धर्मगुरु हरिचंद्र ठाकुर की जन्मस्थली जाएंगे और इस समुदाय के दूसरे धर्मस्थलों का भी दौरा करेंगे.

70 विधानसभाओं पर असर रखता है मतुआ समाज

बांग्लादेश यात्रा में पीएम मोदी के साथ मतुआ समाज के प्रतिनिधि और बीजेपी सांसद शांतनु ठाकुर भी होंगे. शांतनु हरिचंद्र ठाकुर के बंशज हैं. 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान जब पीएम मोदी ने बांग्लादेश में प्रचार अभियान शुरू किया था तो मतुआ संप्रदाय के मठ में बोरो मां का आशीर्वाद लिया था.

सबसे अहम तथ्य ये हैं कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में मतुआ समाज बेहद अहम है. 3 करोड़ आबादी वाला ये समुदाय बंगाल की 70 विधानसभा सीटों पर असर रखता है. मतुआ समाज के लिए सीएए बड़ा मसला है क्योंकि नागरिकता कानून के द्वारा इस समाज के कई लोगों को भारत की नागरिकता मिलने जा रही है. 

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