भोपाल: कांग्रेस की सरकार मध्यप्रदेश में 15 महीने में ही इतिहास हो गई. वर्षों बाद कमलनाथ के नेतृत्व में जो सरकार कांग्रेस ने बनायी थी उसे ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत ने दो साल भी पूरे नहीं करने दिए. सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियों की बगावत और इस्तीफे के कारण कमलनाथ की कुर्सी चली गयी थी.
ये रंज अब भी कमलनाथ के भीतर है और मीडिया के सामने अक्सर सामने आ भी जाता है. कई बार कमलनाथ सिंधिया को विभीषण बता चुके हैं और उन्हें धोखेबाज कहकर अपने मन को संतोष देने की कोशिश करते हैं.
शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के बहाने कमलनाथ कस रहे सिंधिया पर तंज
हाल ही में शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है और इसमें सिंधिया गुट के दो नेताओं को जगह दी है. इस पर कमलनाथ ने कहा था कि भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया का सम्मान नहीं कर रही है और कांग्रेस से धोखेबाजी करने की सजा उन्हें सीएम शिवराज ही दे रहे हैं.
जिस लालच में सिंधिया भाजपा में गये हैं, वो कुछ भाजपा उन्हें नहीं देगी. इस पर सिंधिया समर्थको ने भी पलटवार किया था.
कांग्रेस को हमेशा सिंधिया परिवार ने सिखाया सबक
सिंधिया के समर्थकों का कहना है कि कांग्रेस के पतन का कारण उसका अहंकार है. जब जब कांग्रेस का अहंकार बढ़ा तो सिंधिया परिवार ने ही सबक सिखाया. ज्योतिरादित्य के अलावा माधवराव सिंधिया और राजमाता विजयाराजे का उदाहरण मौजूद है. कमल नाथ के तंज पर सिंधिया समर्थक प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि उनकी पीड़ा स्वाभाविक है क्योंकि उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक चुकी है.
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कमलनाथ को सिंधिया समर्थक कह रहे अहंकारी
पूर्व मुख्यमंत्री कमकनाथ को कांग्रेस में रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कई बार चेतावनी दी थी कि उनके विधायकों का सम्मान किया जाय लेकिन कभी भी कमलनाथ सिंधिया समर्थकों को वरीयता नहीं दी और कांग्रेस आलाकमान भी मूकदर्शक बना रहा. इस घमंड और दंभ ने ही कमलनाथ समेत पूरी कांग्रेस को नेस्तनाबूद कर दिया है.
सिंधिया ने ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस को किया था मजबूत
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव की अगुवाई ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की और उसे मजबूती प्रदान की. कांग्रेस को बहुमत मिला तो उन्हें मुख्यमंत्री न बनाकर कमल नाथ की ताजपोशी की गई, फिर भी वह पार्टी से बंधे रहे. ज्योतिरादित्य के साथ लगातार छल हुआ तो उन्होंने अहंकार में डूबी कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास करा दिया. इसके बाद पूरी शान से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने.
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