झारखण्ड में अपनी सरकार तो क्या जेल से बाहर आएंगे लालू यादव

झारखंड में भाजपा को सत्ता से बाहर करके झामुमो, राजद और कांग्रेस ने सरकार बना ली है. इससे लालू यादव बड़ी राहत मिलने उम्मीद है. चारा घोटाले के दोषी लालू यादव रांची जेल में सजा काट रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 12, 2020, 08:09 PM IST
    • चारा घोटाले के दोषी बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रांची की जेल में 7 वर्ष की सजा काट रहे हैं. हालांकि उन्हें अन्य अदालतों से भी सजा हो चुकी है.
    • 23 मार्च को दिए एक दिशा-निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनावायरस के चलते जेल में कैदियों की संख्या कम करने के लिए सुझाव दिया था.
झारखण्ड में अपनी सरकार तो क्या जेल से बाहर आएंगे लालू यादव

रांची: इस समय देश में कोरोना वायरस के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही जा रही है और लोगों को इसका पालन करने का सुझाव भी दिया जा रहा है. इस बीच कोरोना वायरस के सहारे लालू यादव को पैरोल मिलने की उम्मीद है. इसमें झारखंड में राजद समर्थित सरकार का भी बड़ा योगदान है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक झारखंड की हेमन्त सोरेन सरकार भ्रष्टाचार के मुख्य दोषी लालू यादव को जेल से छोड़ने पर विचार कर रही है.

सात साल की सजा काट रहे हैं लालू यादव

चारा घोटाले के दोषी बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रांची की जेल में 7 वर्ष की सजा काट रहे हैं. हालांकि उन्हें अन्य अदालतों से भी सजा हो चुकी है.

कोरोना के कारण सात साल की सजा काट रहे कैदियों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत का प्रावधान किया है. चारा घोटाला की सजा काट रहे लालू रिम्‍स में इलाजरत हैं. वह जहां रह रहे हैं, उसके बगल के वार्ड में कोरोना के मरीज रखे जा रहे हैं.

लालू यादव का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं

राजद सुप्रीमो लालू यादव का इलाज रिम्स अस्पताल में चल रहा है. इसी वजह से झारखंड सरकार को उन्हें रिहा करने का बहाना मिल गया है. बता दें कि सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पैराल पर फैसला हो सकता है. कांग्रेस ने खुलकर लालू प्रसाद के पैरोल की वकालत की है. कांग्रेस के मंत्री बादल पत्रलेख ने खुले तौर पर कहा है कि लालू प्रसाद को राहत मिलनी चाहिए तो विधायक इरफान अंसारी भी लालू की जमानत की पैरवी कर रहे हैं.

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के भय से लालू प्रसाद को अपने वार्ड में टहलने तक में पाबंदी लगा दी गई है. वार्ड में लालू प्रसाद की देखभाल कर रहे उनके पार्टी के कार्यकर्ता ने बताया कि 10 दिनों से लालू प्रसाद अपने कमरे से बाहर नहीं निकले हैं. पेइंग वार्ड में ही कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को रखा जा रहा है. वे पहले से ही किडनी समेत 14 अलग-अलग तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं.

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कोरोना की वजह से जेल में संख्या कम करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

आपको बता दें कि 23 मार्च को दिए एक दिशा-निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनावायरस के चलते जेल में कैदियों की संख्या कम करने के लिए सुझाव दिया था. चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने सभी राज्य सरकारों को एक उच्च स्तरीय कमेटी गठन करने की बात कही थी.

इसमें कहा गया था कि सात साल से कम सजा पाए कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जा सकता है. इस दिशा-निर्देश के तहत कमेटी यह तय करेगी कि किस श्रेणी के कैदियों को पेरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है.

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