ये है रहस्यमय शिव मंदिर, जहां ईश्वरीय शक्ति साक्षात् महसूस होती है

भारत में ऐसी कई रहस्यमय जगहे हैं, जहां पर ईश्वरीय शक्ति के होने का आभास होता है. लेकिन भगवान के जिस चमत्कार का साक्षात् अहसास ओडिशा के टिटलागढ़ में होता है, वह कहीं और नहीं होता.   

Last Updated : Oct 12, 2019, 10:36 AM IST
    • टिटलागढ़ का रहस्यमय मंदिर
    • बाहर गर्मी अंदर ठंड
    • महादेव का साक्षात् चमत्कार
ये है रहस्यमय शिव मंदिर, जहां ईश्वरीय शक्ति साक्षात् महसूस होती है

टिटलागढ़: पूर्वी राज्य ओडिशा का सबसे गर्म इलाका है टिटलागढ़. खास तौर पर यहां का कुम्हड़ा पहाड़ तो कुछ ज्यादा ही गर्म रहता है. क्योंकि यहां सीधी तेज धूप पड़ती है और पथरीली चट्टानें हैं. जिसकी वजह से यहां पर गर्मी का एहसास कुछ ज्यादा ही होता है. लेकिन इसी भीषण गर्मी के बीच जब आप यहां स्थित शिव पार्वती के मंदिर में प्रवेश करते हैं तो आपको ईश्वर के चमत्कार का सीधे तौर पर अहसास हो जाता है. 


यहां भगवान शिव और पार्वती का रहस्यमयी प्राचीन मंदिर अवस्थित है. जो अपनी रहस्यमयी ईश्वरीय चेतना के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर विज्ञान के लिए भी एक अनसुलझी पहेली है. यह एक ऐसा मंदिर है जहां गर्मी में भी सर्दी का अहसास होता है. मंदिर के बाहर पथरीला पहाड़ है. जहां लगातार गर्मी पड़ती रहती है. लेकिन शिव मंदिर के अंदर का तापमान हमेशा सुखद बना रहता है. 

इस मंदिर में किसी तरह का कूलर या एयर कंडीशनर भी नहीं लगा हुआ है. लेकिन फिर भी इस मंदिर का तापमान हमेशा कम रहता है. खास बात यह है कि जैसे जैसे बाहर का तापमान बढ़ता जाता है. वैसे वैसे मंदिर का तापमान कम होता चला जाता है. 

मई जून के महीने में जब बाहर का तापमान कई बार 55 डिग्री तक पहुंचने लगता है. लेकिन उन्हीं परिस्थितियों में टिटला गढ़ शिव मंदिर के अंदर ठंड भी बढ़ जाती है. गर्मी के मौसम में कई बार मंदिर के अंदर कंबल ओढ़ने की नौबत भी आ जाती है. 

यह मंदिर कुम्हड़ा पहाड़ पर स्थित है. जिसके पत्थर बेहद गर्म हो जाते हैं. मंदिर के अंदर हमेशा सर्दी बनी रहती है. मंदिर के अंदर और बाहर चंद कदमों की दूरी पर माहौल पूरी तरह बदल जाता है. मंदिर आने वाले श्रद्धालु पूरे रास्ते भीषण गर्मी से परेशान रहते हैं. लेकिन जैसे ही वह मंदिर के अंदर कदम रखते है वैसे ही ठंड के मारे कांपने लगते हैं. लेकिन ठंड का यह अहसास मात्र मंदिर परिसर के अंदर तक ही रहता है. बाहर में वैसी ही चिलचिलाती गर्मी पड़ती है. 

यहां के पुजारियों का कहना है कि इस मंदिर में ठंड का स्रोत भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा है. उनके विग्रह से ही ठंडी हवा निकलती है जो कि पूरे मंदिर को ठंडा कर देती है. भीषण गर्मी के मौसम में मंदिर के अंदर बिना कंबल ओढ़े नहीं जाया जा सकता है.  

यह मंदिर बेहद चमत्कारी माना जाता है. जहां पर दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त आते हैं. इस मंदिर में रोजाना शिव-पार्वती की आराधना होती है, जलाभिषेक किया जाता है. यहां पर भक्त पूरी श्रद्धा से सिर झुकाकर शिव-पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. मान्यता है कि इस चमत्कारी मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है. 

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