नई दिल्ली: अभी पिछले ही दिनों महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया. इसके बाद से ही जैसे लगा कि शिवसेना के माउथपिस संजय राउत इसी फिराक में बैठे ही थे. उन्होंने अपने चिर-परिचित बड़बोलेपन वाले अंदाज में फिर एक बयान दे डाला. उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकार बनाने का जिम्मा नहीं लेता तो शिवसेना सरकार बना लेगी. लेकिन अब जो हुआ है, वह शायद शिवसेना की ही मुश्किलें बढ़ा सकती है या फिर यह भी हो सकता है कि पार्टी का ही कोई नया प्लान हो.
"महाराष्ट्र मांगे उद्धव ठाकरे" नया पोस्टर
Maharashtra: A poster which reads 'Maharashtra needs Uddhav Thackeray (Shiv Sena chief) as CM' has been put up outside Matoshree (Thackeray residence), in Mumbai. pic.twitter.com/Ez2UiVb38r
— ANI (@ANI) November 10, 2019
दरअसल, मुबंई में शिवसेना के पार्टी कार्यालय 'मातोश्री' के सामने हर बार की तरह एक पोस्टर लगाया गया. शिवसेना की पोस्टर पॉलिटिक्स हालांकि कोई नई बात नहीं लेकिन इस बार पोस्टर बॉय शिवसेना के युवराज आदित्य ठाकरे नहीं बल्कि खुद राजा यानी कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे हैं. ठाकरे के घर के बाहर एक बड़ा सा पोस्टर लगाया गया जिसमें लिखा है "महाराष्ट्र मांगे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे". इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बवाल होना तय है. बहरहाल अब तक शिवसेना के अंदर मु्ख्यमंत्री पद का भावी उम्मीदवार आदित्य ठाकरे को बताया जा रहा था. लेकिन अब लगता है कि पार्टी ने एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन करने के लिए चेहरा बदलने की राजनीति करनी शुरू कर दी है.
तो इसलिए बदला पोस्टर बॉय
महाराष्ट्र में चुनाव के बाद के हालात कुछ ऐसे हैं कि कोई भी दल जादुई आंकड़ा पार नहीं कर पाया है. भाजपा भले सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी हो लेकिन वह आंकड़े सरकार बना पाने के लिहाज से उतने नहीं हैं. चुनाव परिणाम को 15 दिन से ज्यादा हो गए. शिवसेना की नजर अब भाजपा को दरकिनार कर महाराष्ट्र में तीन दलों के गठबंधन वाली सरकार बनाने पर है. जाहिर है, एनसीपी और कांग्रेस में भी राज्य को लीड करने के लिए दिग्गज नेताओं की कमी नहीं. ऐसे में शिवसेना आदित्य ठाकरे को चेहरा बना कोई मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर कोई रिस्क लेना नहीं चाहती. शायद इसलिए शिवसेना ने पार्टी का चेहरा बदला और राजनीति में परिपक्व हो चुके पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को सीएम चेहरा प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया है. मालूम हो कि रिपब्लिक पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले समेत एनडीए के अन्य घटक दलों के नेताओं ने भी शिवसेना को कहा है कि आदित्य ठाकरे राजनीति में नए हैं. उन्हें अभी सीखना चाहिए तब कहीं जा कर वह मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारी के लायक हो सकते हैं. हो न हो शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बनाने की जद्दोजहद में खुद को भी दबाव में डाल लिया है.
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बयानों से बनती सुर्खियां
उधर शिवसेना ने अपने सामना पत्रिका के तहत बड़बोलापन जारी ही रखा है, खासकर सामना के संपादक संजय राउत. उन्होंने कहा कि शिवसेना कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को तैयार है. कांग्रेस कोई राज्य की दुश्मन तो है नहीं. सभी पार्टियों के बीच कुछ न कुछ अलगाव के मुद्दे होते ही हैं. शिवसेना के तेवर शुरू से हाई टेंपरेचर वाले रहे हैं. उसके पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पहले ही कह दिया था कि पार्टी सरकार बनाने की तैयारी में नहीं है. विपक्ष का रोल ही अदा करेगी. लेकिन लगता है कि प्रदेश में इतनी नोंकझोंक के बीच शिवसेना ने मोर्चा संभालने का मन बना लिया है. पार्टी नेता नवाब मलिक ने बयान जारी किया कि अगर महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सरकार बना पाने में असफल होती है तो कांग्रेस-एनसीपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. इसको लेकर पार्टी के विधायक 12 नवंबर को बैठक करेंगे.
खैर, इतने ताम-झाम के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा कौन सी गठबंधन और गठबंधन में भी कौन-कौन सी पार्टी पेश करती है, यह देखना दिलचस्प होगा.