नई दिल्ली: आईपीएल के दूसरे फेज से पहले कई स्टार खिलाड़ियों ने राजस्थान रॉयल्स से नाम वापस ले लिया है. अब टीम की उम्मीदों का पूरा भार संजू सैमसन के कंधों पर है.
राजस्थान के सबसे महंगे खिलाड़ी क्रिस मॉरिस का मानना है कि बीच सीजन में आईपीएल के स्थगित होने से मानसिक रूप से खिलाड़ी कमजोर हुए हैं. बयान देने के बाद लोग खुद मॉरिस की क्षमताओं पर सवाल खड़े करने लगे. कई पूर्व क्रिकेटर कह चुके हैं कि 4 महीने का ब्रेक सभी खिलाड़ियों को रिफ्रेश होने का मौका देता है जबकि क्रिस मॉरिस इससे विपरीत बयानबाजी कर रहे हैं.
खिलाड़ियों की फिटनेस हुई प्रभावित
क्रिस मॉरिस ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पहले और दूसरे चरण के बीच कोविड-19 के कारण चार महीने का ब्रेक कुछ खिलाड़ियों की मैच फिटनेस को प्रभावित कर सकता है.
UAE की परिस्थितियों में ढलने में लगेगा समय
क्रिस मॉरिस ने कहा कि ज्यादातर विदेशी खिलाड़ी दूसरी लीग टूर्नामेंटों में भाग में ले रहे थे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी खेल रहे थे. कोविड-19 के कारण आईपीएल के सत्र को मई में बीच में रोकने के बाद भारतीय घरेलू खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना का मौका नहीं मिला.
मौरिस से जब दो चरण में आईपीएल के आयोजन की चुनौती के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पिछली बार की तरह जब दुबई में आईपीएल खेला गया था तो मैच फिटनेस एक मुद्दा थी. इस बार भी शरीर को परिस्थितियों के मुताबिक ढालने के लिए कुछ मैच चाहिये होंगे.
मौरिस ने कहा कि अच्छी बात यह है कि विदेशी खिलाड़ी कुछ क्रिकेट खेल रहे हैं. मैंने दक्षिण अफ्रीका में सत्र पूर्व अभ्यास किया है, वजन कम करने की कोशिश कर रहा हूं. मैच फिटनेस हमेशा सबसे अच्छी तरह की फिटनेस होती है. हमें दो अभ्यास मैचों में भाग लेने का मौका मिला जिससे हमने मैदान में कुछ समय बिताया है.
इस तेज गेंदबाजी हरफनमौला ने कहा कि अभ्यास की परिस्थितियां कभी भी मैच की तरह नहीं हो सकती है. मुझे लगता है कि मैच के दौरान कुछ खिलाड़ियों को शरीर को परिस्थितियों के मुताबिक ढालने में संघर्ष करना पड़ेगा. कोविड-19 का यह एक बुरा प्रभाव है.
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