बगैर खिलाए सूर्य कुमार यादव को बाहर करने पर गौतम गंभीर ने लगाई लताड़

सूर्यकुमार यादव को मौका दिए बगैर प्लेयिंग इलेवन से बाहर किए जाने के निर्णय पर गौतम गंभीर ने सवाल उठाए हैं. 

Written by - Navin Chauhan | Last Updated : Mar 17, 2021, 01:40 AM IST
  • दूसरे टी20 में डेब्यू करने वाले सूर्यकुमार यादव तीसरे मैच से हुए बाहर.
    दूसरे मैच में नहीं कर पाए थे एक भी गेंद का सामना.
बगैर खिलाए सूर्य कुमार यादव को बाहर करने पर गौतम गंभीर ने लगाई लताड़

नई दिल्ली: आईपीएल में मुंबई इंडियन्स के लिए खेलने वाले बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव ने 14 मार्च को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दूसरे टी20 में डेब्यू किया था. उस मैच में टीम इंडिया को 7 विकेट से जीत हासिल हुई लेकिन उन्हें बल्लेबाजी का मौका भी नहीं मिला. ऐसे में आशा की जा रही थी कि तीसरे मैच में रोहित शर्मा की वापसी केएल राहुल की जगह पर होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रोहित की वापसी के लिए सूर्य कुमार यादव को टीम से बाहर जाना पड़ा. 

ऐसे में टीम मैनेजमेंट के इस निर्णय पर टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने सवाल उठाए हैं. उन्हें टीम मैनेजमेंट के इस निर्णय पर आश्चर्च हुआ. उन्होंने इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मुझे इस निर्णय पर अचंभा हुआ. विश्व कप से सात महीने पहले वो विश्व कप के लिए तैयारी शुरू कर रहा है और संभवत: विश्व कप के बाद वो अगले विश्व कप के लिए तैयारी में जुट जाएगा. ये मायने नहीं रखता, आपका फॉर्म मायने रखता है.'

कौन होगा अय्यर का विकल्प 
गंभीर ने कहा, कल्पना कीजिए कि यदि टीम के अंदर किसी तरह की चोट की वजह से परेशानी खड़ी हुई. आपने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सूर्यकुमार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या करते देखा. मैं आशा करता हूं कि कोई चोटिल न हो लेकिन यदि ऐसा हुआ तो किसी ने किसी खिलाड़ी को नंबर चार और पांच पर बल्लेबाजी करनी होगी. उदाहरण के लिए श्रेयस अय्यर के रिप्लेसमेंट के लिए आपके पास कौन सा खिलाड़ी है?

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कम से कम तीन-चार मैच तो दीजिए 
उन्होंने आगे कहा, इसलिए कम से कम उन लोगों की तरफ देखिए जो आपके सेटअप में फिट होते हैं. कम से कम उन्हें वो मौका तीन से चार मैचों में दीजिए और देखिए कि वो कहां पर हैं. यदि आपने किसी को चुना है तो उन्हें मौका दीजिए और आकलन कीजिए कि वो भविष्य में टीम को क्या दे सकता है. हम लगातार विश्व कप की तैयारी की बात कर रहे हैं लेकिन मेरी नजर में ये कोई तैयारी नही है. आप उन्हीं खिलाड़ियों को आजमा रहे हो जिन्हें हम पिछले कई सालों से देखते आ रहे हैं.

टीम में शामिल करने के बाद भी खिलाड़ियों को मौके नहीं देने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, देखिए मनीष पांडे के साथ क्या हुआ. सूर्यकुमार पहले से ही 30 साल के हो चुके हैं. भारतीय क्रिकेट में ये ऐसी उम्र है जब खिलाड़ी असुरक्षित महसूस करने लगते हैं. आप देखिए आज कोई भी मनीष पांडे और संजू सैमसन की बात नहीं करता. 

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30 की उम्र के बाद असुरक्षित महसूस करने लगते हैं खिलाड़ी 
गंभीर ने आगे कहा, यदि मैं सूर्यकुमार यादव होता तो मुझे इस बात का बहुत दुख होता. जब मैं उनकी स्थिति में होता तो मुझे मालूम है कि मैं 30 साल का हूं. एक बार जब आप 30 की उम्र पार कर जाते हैं तो जानते हैं कि भारतीय क्रिकेट में क्या होता है. आपके अंदर असुरक्षा की भावना घर करने लगती है. संजू सैमसन को देखिए कोई नहीं पूछता है कि संजू सैमसन कहां हैं. आप सूर्य कुमार को एक-दो मैच देंगे और वो उनमें प्रदर्शन नहीं कर पाए तो आप किसी और नए खिलाड़ी की तलाश में जुट जाएंगे.'

दुर्भाग्यपूर्ण है ये ऐसा व्यवहार 
गंभीर ने इस तरह के व्यवहार को गलत बताते हुए कहा, कोई खिलाड़ी यदि आईपीएल में अच्छा करेगा तो आप उसके बारे में बात करने लगेंगे. ये दुर्भाग्यपूर्ण है यदि आप डेब्यू करते हैं तो कम से कम 3 चार मैच उसे दीजिए. ईशान किशन ने पारी की शुरुआत करते हुए शानदार अर्धशतक जड़ा और आपने उसे तीसरे नंबर पर भेज दिया. ये किसी खिलाड़ी का समर्थन करना नहीं होता. 

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