टोक्योः भारत की महिला गोल्फर अदिती अशोक टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले इवेंट में चौथे स्थान पर रहीं. चौथे और अंतिम राउंड के अंतिम क्षणों में की गई कुछ गलतियां अदिति को पदक से दूर ले गईं. वह तीन राउंड तक पदक की दौड़ में बनी हुई थीं. चौथा स्थान भी अदिती के लिए सराहनीय कहा जाएगा.
अमेरिका ने जीता गोल्ड
अमेरिका की नेली कोर्डा ने इस इवेंट का स्वर्ण जीता जबकि रजत के लिए जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया को के बीच प्लेआफ मुकाबला होगा.भारत की एक अन्य गोल्फर दीक्षा डागर हालांकि प्रभावित नहीं कर सकीं. दीक्षा 60 गोल्फरों के बीच संयुक्त रूप से 50वें स्थान पर रहीं.
18वें होल पर अदिति के पास बर्डी बनाकर मेडल जीतने का मौका था, क्योंकि न्यूजीलैंड की लीडिया ने भी बर्डी का चांस मिस किया था. अगर अदिति एक स्ट्रोक में बॉल होल में डाल देतीं तो मेडल उनकी झोली में होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लीडिया और अदिति दोनों ने पार स्कोर किया. अदिति ने चौथे स्थान पर अपना अभियान खत्म किया.
Well played Aditi Ashok! You have shown tremendous skill and resolve during #Tokyo2020 A medal was narrowly missed but you’ve gone farther than any Indian and blazed a trail. Best wishes for your future endeavours: PM Modi
((Pic: Olympic & Paralympic Games Tokyo 2020 for India) pic.twitter.com/oAYq4EXA3d
— ANI (@ANI) August 7, 2021
तीसरे राउंड के बाद दूसरे स्थान पर थीं अदिति
विमेंस गोल्फ कासुमिगासेकी कंट्री क्लब में खेले गए. पहले दिन स्वीडन की मेडलिन सैगस्ट्रॉम पहले नंबर पर रहीं थीं. अदिति अशोक ने पहले दिन 4 अंडर 67 का कार्ड खेला था. वह पहले दिन के बाद अमेरिका की नेली कोर्डा (67) संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर थीं. गुरुवार को दूसरे राउंड में अदिति ने और बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने 5 बर्डी लगाते हुए 66 का कार्ड खेला. हालांकि वह दुनिया की नंबर-1 गोल्फर नेली कोर्डा से पिछड़ गईं.
दूसरी बार ओलंपिक में शिरकत कर रही थीं अदिति
अदिति अशोक लगातार दूसरी बार ओलंपिक खेलों में भाग ले रही थीं. रियो ओलंपिक में अदिति ने महज 18 साल की उम्र में भारत की ओर से शिरकत की थी और ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला गोल्फर बनीं थीं. रियो में 41वें पायदान पर रहीं अदिति पांच साल बाद टोक्यो में पदक की दावेदार बनकर उभरी थीं.
रियो ओलंपिक में हुई थी गोल्फ की 112 साल बाद वापसी
ओलंपिक खेलों में गोल्फ का इतिहास भी बेहद पुराना है. साल 1900 में पेरिस में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों में गोल्फ को भी शामिल किया गया था. इसके बाद 1904 के ओलंपिक खेलों में भी इसे जगह मिली लेकिन इसके बाद गोल्फ को ओलंपिक खेलों में वापसी के लिए 112 साल लंबा इंतजार करना पड़ा.
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