हॉकी टीम ने 41 साल बाद रचा था इतिहास, सरकार ने खर्चे थे केवल इतने पैसे

इस जीत ने भारत में हॉकी को नया जीवन दिया और पूरे देश में हॉकी की चर्चा एक बार फिर होने लगी. अब केंद्र सरकार की ओर से खुलासा किया गया कि पिछले 5 सालों में कितने पैसे पुरुष हॉकी टीम पर खर्च हुए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 3, 2021, 06:50 AM IST
  • 2021 में पुरुष हॉकी टीम ने जीता था कांस्य पदक
  • इससे पहले साल 1980 में टीम ने जीता था मेडल
हॉकी टीम ने 41 साल बाद रचा था इतिहास, सरकार ने खर्चे थे केवल इतने पैसे

नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक खेलों में इतिहास रचने हुए मेडल पर कब्जा जमाया था. पुरुष हॉकी टीम ने 1980 के बाद पहली बार 2021 के टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था.

इस जीत ने भारत में हॉकी को नया जीवन दिया और पूरे देश में हॉकी की चर्चा एक बार फिर होने लगी. अब केंद्र सरकार की ओर से खुलासा किया गया कि पिछले 5 सालों में कितने पैसे पुरुष हॉकी टीम पर खर्च हुए.

45 रुपये में 41 साल बाद बना दिया कीर्तिमान
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि उसने सीनियर पुरुष हॉकी टीम पर पिछले 5 सालों में केवल 45.05 करोड़ रुपए ही खर्च किए. कम सुविधाएं मिलने के बावजूद हॉकी के धुरंधरों ने 41 साल बाद टोक्यो में पोडियम पर चढ़कर देश का गौरव बढ़ा दिया.

भारत और जर्मनी के बीच टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मैच में तीसरे क्वार्टर तक जर्मन टीम पर 5-3 की बढ़त बनाई हुई थी. चौथे क्वार्टर में जर्मनी ने एक गोल दागा, लेकिन तब भी भारत की बढ़त बरकरार रही थी. इसी के साथ भारत ने 5वां मेडल पक्का कर लिया था.

संसद में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पिछले पांच साल में भारतीय पुरुष हॉकी टीम पर 65 करोड़ रुपये खर्च करने के अलावा खेल से जुड़ी 20 अवसंरचना परियोजनाओं पर करीब 104 करोड़ रुपये खर्च किए. इस पैसे का इस्तेमाल कोचिंग शिविर, प्रतियोगिताओं और अन्य खर्चों के लिए किया गया.

जूनियर टीम पर भी खर्च हुए 20 करोड़ रुपए
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्य सभा में लिखित जवाब में कहा कि सीनियर पुरुष हॉकी टीम पर 45.05 करोड़ रुपये और जूनियर पुरुष टीम पर 20.23 करोड़ रुपये खर्च किए गए जिसमें कोचिंग शिविर, विदेश में प्रतियोगिताओं, घरेलू प्रतियोगिताओं, कोच का वेतन, उपकरण आदि पर खर्चा शामिल है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हॉकी के बुनियादी ढांचे से जुड़ी 103.98 करोड़ रुपये की 20 परियोजनाओं को 2016-17 से खेलो इंडिया योजना के तहत स्वीकृत किया गया.
 
आखिरी बार 1980 में जीता था मेडल
भारत ने आखिरी बार मास्को ओलिंपिक 1980 में फाइनल में जगह बनाई थी और तब टीम ने अपने आठ गोल्ड मेडल में से आखिरी गोल्ड जीता था. उसके बाद से भारतीय हॉकी का स्तर लगातार नीचे होता गया और टीम तब से लेकर इस ओलंपिक से पहले तक कभी अंतिम 4 में भी जगह नहीं बना पाई थी.

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