नो बॉल विवाद में रिषभ पंत गलत थे या अंपायर, नियम बयां करते हैं ये कहानी

दरअसल विकेट गिरने की स्थिति में तीसरा अंपायर खुद हस्तक्षेप कर सकता है लेकिन यदि विकेट नहीं गिरा है तो उसे ऊंचाई वाली गेंद चेक करने का आधिकार नहीं होता. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 24, 2022, 05:23 PM IST
  • पंत ने खेल आगे बढ़ाने से किया था मना
  • पंत, शार्दुल और कोच आमरे पर लगा जुर्माना
नो बॉल विवाद में रिषभ पंत गलत थे या अंपायर, नियम बयां करते हैं ये कहानी

नई दिल्ली: राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मैच में नो बॉल के मुद्दे पर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है. रिषभ पंत और उनकी टीम के आक्रामक सदस्यों पर BCCI ने कड़ी कार्रवाई की है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सच में पंत ने इतना बड़ा अपराध किया था कि अंपायरों के आगे उनकी नहीं सुनी गई. 

जानिए क्या कहता है नियम

इस मामले में नियम बहुत साफ है. आदर्श रूप से, यदि अंपायर सीधे नो-बॉल नहीं देते हैं तो वे तीसरे अंपायर की मदद ले सकते हैं. यदि उनमें से कोई भी सुनिश्चित नहीं है कि यह सही डिलीवरी थी या नहीं. हालांकि, IPL में नियम कुछ बदल जाता है. ऑन-फील्ड अंपायरों को सामान्य गेंद पर ऐसा करने की अनुमति नहीं है. 

अगर रोवमेन पॉवेल डिलीवरी पर आउट हो जाते तो नो बॉल के लिए चेक किया जाता, लेकिन बिना आउट हुए ऑन-फील्ड अंपायर का निर्णय अंतिम होता है. दरअसल विकेट गिरने की स्थिति में तीसरा अंपायर खुद हस्तक्षेप कर सकता है लेकिन यदि विकेट नहीं गिरा है तो उसे ऊंचाई वाली गेंद चेक करने का आधिकार नहीं होता. 

पंत, शार्दुल और कोच आमरे पर लगा जुर्माना

दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान रिषभ पंत और तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर पर राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच में किए गए बवाल के लिए जुर्माना लगाया गया, जबकि सहायक कोच प्रवीण आमरे को एक मैच के लिये प्रतिबंधित कर दिया गया.

BCCI ने बयान में कहा था कि कप्तान पंत और आमरे पर उनकी पूरी मैच फीस का जुर्माना लगाया गया जबकि ठाकुर पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है. आमरे पर एक मैच का प्रतिबंध भी लगाया गया है.

पंत ने खेल आगे बढ़ाने से किया था मना

राजस्थान की शुक्रवार को दिल्ली पर 15 रन की जीत के दौरान तब घटी जब अंतिम ओवर में ओबेद मैकॉय की तीसरी गेंद पर रोवमेन पॉवेल ने छक्का जड़ा. यह फुलटॉस थी जिसे दिल्ली की टीम नोबॉल देने की मांग कर रही थी. 

नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े कुलदीप यादव ने अंपायर की तरफ इशारा करके आखिरी गेंद का रिप्ले देखने के लिये कहा क्योंकि वह कमर से ऊपर होने पर नोबॉल हो सकती थी.

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पॉवेल भी अंपायरों से बात करने लग गये लेकिन मैदानी अंपायरों ने कहा कि गेंद वैध थी. पंत डगआउट से अपने बल्लेबाजों को इशारा कर रहे थे कि वे खेल आगे न बढ़ाएं और वापस ड्रेसिंग रूम लौट आएं. फैंस कह रहे हैं कि फील्ड अंपायर को तीसरे अंपायर की मदद जरूर लेनी चाहिए. 

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