3 मार्च 2009 है पाकिस्तानी क्रिकेट इतिहास का सबसे काला दिन, 12 साल बाद भी हरे हैं जख्म

3 मार्च 2009 को श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले को क्रिकेट इतिहास के सबसे काले दिन के रूप में याद किया जाता है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 3, 2021, 11:16 AM IST
  • पाकिस्तान में साल 2009 के बाद किसी बड़ी टीम ने साल 2019 तक दौरा नहीं किया
  • भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमों के पाकिस्तान दौरे पर जाने से इनकार
3 मार्च 2009 है पाकिस्तानी क्रिकेट इतिहास का सबसे काला दिन, 12 साल बाद भी हरे हैं जख्म

नई दिल्ली: जिस तरह 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के दौरान खेल गांव में इजरायली एथलीट्स के ऊपर हुए आतंकी हमले को खेल इतिहास के सबसे काले दिन के रूप में याद किया जाता है. ऐसी ही एक घटना पाकिस्तान में 3 मार्च 2009 को हुई थी. लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के निकट श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर हुए आतंकी हमले में टीम के कई दिग्गज खिलाड़ी घायल हो गए थे. 

आतंकवादियों ने गद्दाफी स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल से ठीक पहले स्टेडियम जा रही  श्रीलंकाई टीम की बस पर अचानक हमला बोल दिया. इस आतंकी हमले में टीम के कप्तान महेला जयवर्धने, उपकप्तान कुमार संगकारा और स्पिनर अजंथा मेंडिस सहित पांच क्रिकेट खिलाड़ी घायल हुए थे. थिलान समरवीरा और थरंगा परावित्राना गंभीर रुप से घायल हुए थे. 

8 लोगों की गई थी हमले में जान, पांच खिलाड़ी हुए थे घायल 
घटना के दौरान छह सुरक्षा कर्मी और दो आम लोगों ने जान गंवाई थी. हमले से टीम को बचाए जाने के बाद दौरा तत्काल रद्द कर दिया गया और श्रीलंकाई टीम के सभी खिलाड़ियों को हैलीकॉप्टर के जरिए स्टेडियम से सीधे एयरपोर्ट ले जाया गया जहां से चार्टर्ड प्लेन के जरिए टीम  तत्काल कोलंबो रवाना हो गई.

जहां पहुंचते ही गंभीर रूप से घायल थिलान समरवीरा और थरंगा परावित्राना को सीधे अस्पताल ले जाया गया. पाकिस्तान में इससे पहले कई बार आतंकी घटनाएं घटी थीं लेकिन पहली बार किसी क्रिकेट टीम को निशाना बनाया गया था. 

ड्राइवर ने नहीं दिखाई दिलेरी, नहीं कोई नहीं बचता जिंदा
अगर उस दिन अगर श्रीलंका की टीम बस के ड्राइवर मोहम्मद खलील ने सूझ-बूझ दिखाते हुए बस को नहीं रोका और जोखिम उठाते हुए भारी गोला-बारी के बीच चलाकर स्टेडियम तक पहुंचाया. आतंकवादियों ने तो बस पर रॉकेट लांचर से भी हमला किया था लेकिन खिलाड़ी की किस्मत ने साथ दिया और आतंकवादियों का वो निशाना चूक गया.

श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने स्टेडियम पहुंचने के बाद खलील को एक खिलाड़ी ने  श्रीलंका चलने को कहा था लेकिन उसने जाने से इनकार कर दिया था. इस बहादुरी के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उसे सम्मानित भी किया था. 

यह भी पढ़िएः World Cup 2011: 10 साल पहले जब अनजान खिलाड़ी ने जड़ा था विश्वकप इतिहास का सबसे तेज शतक, इंग्लैंड की हुई थी शर्मनाक हार

हमले से पहले ऐसा था मैच का हाल
गद्दाफी स्टेडियम में खेले जा रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था.  बल्लेबाजी के लिए मददगार पिच पर दो दिन के खेल में मेहमान टीम मेजबानों पर भारी पड़ती दिख रही था। श्रीलंका ने अपनी पहली पारी में समरवीरा के दोहरे शतक और संगकारा-दिलशान के शतक की शतकीय पारियों की बदौलत 606 रन बनाए थे। इसके जवाब में दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक पाकिस्तान ने 1 विकेट पर 110 रन बना लिए थे.

12 साल बाद भी हरे हैं जख्म
पाकिस्तान में साल 2009 के बाद किसी बड़ी टीम ने साल 2019 तक दौरा नहीं किया था. श्रीलंकाई टीम के 2019 में हुए दौरे का साथ बड़ी टीमों के पाकिस्तान दौरा करने की शुरुआत हुई थी. इसके बाद से दो साल में जिंबाब्वे और हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था.

भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमों के पाकिस्तान दौरे पर जाने से इनकार करने की वजह से पाकिस्तान घर पर आईसीसी टूर्नामेंट्स की मेजबानी नहीं कर पा रहा है इस वजह से उसे लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है जिसका असर उसके घरेलू क्रिकेट पर दिखाई दे रहा है.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप. 

ट्रेंडिंग न्यूज़